ईसी बैठक पर जारी रोक के चलते हरियाणा के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों पर लगी ब्रेक

क्या कुलपतियों पर लगाम कसने की तैयारी में है सरकार?

ईसी बैठक पर जारी रोक के चलते हरियाणा के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों पर लगी ब्रेक

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक पर लगाई गई रोक के चलते प्राध्यापकों सहित अन्य भर्तियों पर संशय के बादल छाए हैं।

प्रदेश के उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने गत 7 अक्टूबर को राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को एक पत्र भेजा था, जिसमें आगामी आदेशों तक शैक्षणिक परिषद (एसी) और कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक आयोजित किए जाने पर रोक लगाई गई थी। राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान ही कई विश्वविद्यालयों में शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ की गई थी, जिसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। इसे लेकर कई लोगों ने केंद्रीय चुनाव आयोग से जारी भर्ती प्रक्रिया पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाए जाने का अनुरोध भी किया था।

इसके बाद गत 25 अक्टूबर को जारी एक अन्य आदेश में सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक परिषद (एसी) की बैठक बुलाए जाने की अनुमति दे दी गई थी। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी इस पत्र में 7 अक्टूबर के पत्र का हवाला दिया गया था। लेकिन अभी तक कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक बुलाए जाने की अनुमति न मिलने से विभिन्न पदों के चाहवानों में मायूसी छाई है, क्योंकि शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मियों की नियुक्तियों के लिए कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में मोहर लगनी आवश्यक है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के सलाहकार के पदों पर आसीन तबके में भी खलबली मची हुई है, क्योंकि इन लोगों के वेतन और सेवा विस्तार को भी कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में ही हरी झंडी मिलती है। इसके अलावा कई विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर आदि पदों के लिए इंटरव्यू तक आयोजित किए गए थे, लेकिन कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में अनुमोदन के बिना ये सभी नियुक्तियां खटाई में पड़ी हैं।

वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्वविद्यालयी मामलों के ज्ञाता सोमनाथ शर्मा का कहना है कि हरियाणा के सभी सरकारी विश्वविद्यालय को एक स्वायत्त संस्थान का दर्जा प्राप्त है। विश्वविद्यालयों के सभी शिक्षा संबंधित मामलों को शैक्षणिक परिषद (एसी) की बैठक में पास किया जाता है। वहीं नियुक्तियों से संबंधित फैसलों सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों पर कार्यकारी परिषद (ईसी) की मोहर लगाना आवश्यक है।

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि विश्वविद्यालयों में होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में कुलपतियों पर लगाम कसने के मकसद से कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक बुलाने पर रोक जारी है। ऐसा भी संभावना जताई जा रही है कि निकट भविष्य में नियुक्तियां करने की ताकत विवि प्रशासन से छीन कर सरकार एक अलग विश्वविद्यालय भर्ती आयोग का गठन कर सकती है।