रेबीज के समय पर इलाज से 100 प्रतिशत रोकथाम संभवः एडीसी नरेंद्र कुमार

रेबीज के समय पर इलाज से 100 प्रतिशत रोकथाम संभवः एडीसी नरेंद्र कुमार

रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे रेबीज लाइलाज बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज से जानलेवा बीमारी रेबीज से शत-प्रतिशत रोकथाम संभव है, परंतु रेबीज के लक्षण आने के बाद इलाज संभव नहीं है। यह बीमारी कुत्ता, बिल्ली, बंदर, चमगादड़ आदि पशुओं काटने से फैलती है।

एडीसी नरेंद्र कुमार ने रेबीज बीमारी से बचाव के संदर्भ में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नगर निगम द्वारा मीट की दुकानों व ढाबों इत्यादि से निकलने वाले कचरे का व्यवस्थित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए तथा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए नसबंदी अभियान चलाया जाए। इस बैठक में नगर निगम की संयुक्त आयुक्त नमिता सिंह, सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र, उप सिविल सर्जन डॉ. सुशीला, जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, पशुपालन विभाग के अधिकारी व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों, शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों, स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों, पशुपालन विभाग द्वारा पशु अस्पतालों में रेबीज से बचाव के लिए उपाय पोस्टर इत्यादि लगाकर लोगों को जागरूक किया जाए।

जानलेवा बीमारी रेबीज का सही समय पर इलाज होने से 100 प्रतिशत बचाव संभव है। रेबीज से बचाव का संदेश घाव धोएं, इलाज करवाएं, जान बचाएं। जानवर के काटने पर घाव को तुरंत साबुन और साफ बहते पानी से 15 मिनट तक धोएं। घाव पर स्पिरिट या आयोडीन लगाएं तथा घाव पर कभी भी हल्दी, मिर्च, तेल या मिट्टी न लगाएं। घाव को ढके नहीं बल्कि खुला रखें एवं ज्यादा दबाव न डाले। अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचकर एंटी रेबीज टीका लगवाएं। रेबीज के लक्षण आने के बाद इलाज संभव नहीं है। रेबीज शत-प्रतिशत जानलेवा है, लेकिन 100 प्रतिशत रोकथाम भी संभव है।