पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में 251 जोड़े एक साथ कर रहे पूजा

रोहतक, गिरीश सैनी। हमारे मन के अन्दर अनेक भाव व विचार उत्पन्न होते हैं, जिससे हमें सुख व दुख का अनुभव होता है। यह उद्गार मुनि प्रणम्यसागर महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। दिगंबर जैन मंदिर सराय मोहल्ला एवं सकल जैन समाज द्वारा झज्जर रोड स्थित भगवान शांतिनाथ जैन मंदिर, जैन जती में आयोजित सात दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के दूसरे दिन गर्भ कल्याणक पूर्व रूप में अभिषेक, शांति धारा, नित्यमय पूजा व मंडप प्रतिष्ठा श्रद्धालुओं द्वारा की गई।
यह जानकारी देते हुए राजीव जैन ने बताया महोत्सव में 251 जोड़े एक साथ बैठ कर पूजा कर रहे हैं। प्रातः जलाभिषेक एवं शांति धारा श्रद्धालुओं द्वारा की गई। इन्द्रों द्वारा मंडप प्रतिष्ठा उपरांत मूर्तियों की स्थापना की गई। समाजसेवी विजय जैन ने अखण्ड ज्योत प्रज्वलित की। प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी नीतिन ने नन्दी विधान, विनय पाठ, समूच्य पूजन किया और सभी ने मंगल आरती की। रानीला, रेवाड़ी, दिल्ली, चण्डीगढ़ सहित दूर-दूर से श्रद्धालुओं ने मुनि महाराज के दर्शन किए।
इस दौरान पं. हरेन्द्र शास्त्री, पं. सनक कुमार, पं. विनोद कुमार, संस्था प्रधान अतुल जैन, अजय जैन, चक्रेश जैन, मनोज जैन पंसारी, राजीव जैन, अनुराग जैन सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।