हाइफा का द्वितीय वार्षिक समारोह- बड़े बजट से नहीं, बड़ी सोच से फिल्म बनती हैं : यशपाल शर्मा
हमारे समय में हमारे पास कुछ था, आपके पास इस समय सब कुछ है : जनार्दन शर्मा
-*कमलेश भारतीय
रोहतक : हरियाणा के फिल्मी कलाकारों व रंगकर्मियों की संस्था हाइफा के दूसरे वार्षिक समारोह में प्रसिद्ध एक्टर यशपाल शर्मा बड़ी काम की बात कही कि फिल्में बनाने के लिए बड़े बजट की जरूरत नहीं होती, बल्कि बड़ी सोच की जरूरत होती है । यशपाल ने कलाकारों को अच्छा साहित्य पढ़ने की सलाह भी दी ।असल में हाइफा की नींव यशपाल शर्मा ने रामपाल बल्हारा, जनार्दन शर्मा व कुछ अन्य वरिष्ठ कलाकारों के साथ रखी, जो अब फल फूल रही है, जिसका दूसरा भव्य वार्षिक आयोजन रोहतक की सुपवा यूनिवर्सिटी में हुआ । मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूँ जिसे दोनों आयोजनों में सपरिवार शामिल होने का अवसर मिला ।
यशपाल शर्मा ने यह भी कहा कि नये कलाकारों से कि अब सिर्फ और सिर्फ मोबाइल से भी आप अच्छी शाॅर्ट फिल्म बना कर हमें सोचने को मजबूर कर सकते हैं और कुछ शाॅर्ट फिल्मों का उदाहरण दिया । यशपाल शर्मा ने शुरू में चुटकी लेते कहा कि आप लोगों ने कोई ऐसा आयोजन देखा है, जिसमें आयोजक ही मुख्यातिथि हो ? नहीं देखा तो मैं आपके सामने हूँ, देख लीजिए । यशपाल शर्मा की इसी सादगी पर कौन न कुर्बान हो जायेगा और आयोजन में दौड़ा नहीं आयेगा? इसलिए हरियाणा के दूरदराज से कलाकार सिर के बल दौड़े चले आये ।
हाइफा के अध्यक्ष और वरिष्ठ कलाकार जनार्दन शर्मा ने भी भावुकता से कहा कि हमारे समय में हमारे पास कुछ था लेकिन आप लोग खुशकिस्मत हो कि आपके पास सब कुछ है। इतने लोग आपको सही रास्ता दिखाने वाले मिले हैं। इसी प्रकार एमडीयू के सेवानिवृत्त युवा कल्याण निदेशक और प्रसिद्ध हास्य कलाकार जगबीर राठी ने भी यशपाल शर्मा की खुले मन से तारीफ करते कहा कि हरियाणा से और कलाकार भी मुम्बई में पांव जमाये हुए हैं लेकिन यशपाल शर्मा ही ऐसे सफल कलाकार हैं, जो अपनी मिट्टी और अपने हरियाणा से, हरियाणा के छोटे से छोटे कलाकार से गहरे जुड़े हुए हैं और राठी ने अपना लोकप्रिय गीत बोल तेरे मीठे, मीठे गाकर समांं बांध दिया। सबसे पहले हाइफा के महासचिव रामफल बल्हारी ने संगठन की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और वर्ष भर चलीं गतिविधियों की जानकारी दी। हाइफा ने इस आयोजन में सुधीर शर्मा और रामफल चहल को आजीवन उपलब्धि सम्मान प्रदान किये तो अंजवि हुड्डा व सूर्यांशी पात्र जैसी युवा कलाकारों को भी थपकी देकर नये लोगों में भी विश्वास जगाये रखा । गंगाजल और अपहरण फिल्मों में कैमरे के पीछे अपना कौशल दिखाने वाले अरविंद को भी सम्मानित किया गया । इनके अतिरिक्त हाइफा द्वारा आयोजित वीडियो शाॅर्ट फिल्मों व इनके श्रेष्ठ कलाकारों को भी सम्मानित कर उनमें कला के प्रति विश्वास को मजबूत किया । फांस, एहसास उक चूक और किन्नर समाज पर बहुत भावुक और प्रेरणा प्रदेश शाॅर्ट फिल्में बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित की गयीं । इसी प्रकार दो श्रेष्ठ गीत भी प्रदर्शित किये गये और सभागार तालियों से गूंजता रहा, गूंजता रहा, लगातार । बाकी काम को बखूबी अंजाम दिया एंकर्स डाॅ अल्पना सुहासिनी, प्रीति, डाॅ रमन नास्सा ने । पटियाला से आईं सोनिया सरताज के दो नृत्यों ने सचमुच इसे स्मरणीय बना देने में कोई कसर नहीं छोड़ी! चंद्रावल के गाने जीजा तू काला पर तो इतना झूम के डांस किया कि वर्षों पहले चंद्रावल में जीजाजी का रोल निभाने वाले रामपाल बल्हारा भी ठुमके लगाये बिना रह नही पाये । इस गाने की कोरियोग्राफर लीला सैनी भी सभागार में आगे बैठीं इसका लुत्फ उठाने वालों में शामिल थीं। काश ! वे भी एकाध ठुमका लगा देतीं । अभिमन्यु यादव, सोनम और राजकुमार धनखड़ को सम्मानित किया गया । इस आयोजन में युवा एक्ट्रेस अंजलि हुड्डा की आने वाली फिल्म जो महम कांड पर आधारित है का विशेष उल्लेख हुआ और योगेश भारद्वाज की आने वाली फिल्म 'धावक' की खासतौर पर चर्चा सामने आई ।
कथा कहानी प्रतियोगिता के विजेताओं तबस्सुम जहां, ललिता विम्मी और नवरत्न के साथ साथ इसके निर्णायकों मधुकांत, डाॅ रमाकांता शर्मा और कमलेश भारतीय को भी सम्मानित किया गया । आयोजन खिली धूप में शुरू हुआ और शाम के धुंधलका होने तक दो सत्रों में चलता रहा और सभी भावुकता से एक दूसरे को मिलकर विदा हुए अगले साल के वार्षिक आयोजन में फिर मिलने की इंतज़ार में ! आयोजन में सुशील सैनी व हरियाणवी बावली यानी नीरू पर्दे के पीछे से लगातार मोर्चा संभाले रहे।
इस आयोजन में हरीश कटारिया, प्रो मिहिर रंजन पात्रा, डाॅ ज्योत्स्ना, रश्मि, नीलम भारती, सुनीता डाबर,बी एम बेचैन, इंद्र सिंह लाम्बा, चंद्रशेखर, गीतू परी, मीना मलिक, धर्मेंद्र दांगी, पूजा भारद्वाज, राकेश, संगीता देवी,राजेश शर्मा, बी एम बेचैन,केलापति व रघुविंद्र मलिक, संदीप शर्मा, बल्लू न जाने कितने कलाकार हंसते मुस्कुराते मिलते रहे और दिन बन गया ।
हाइफा से निकलते सबने यही कहा कि हाइफा वार्षिक आयोजन अगले बरस तू जल्दी आ ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।