दोआबा कॉलेज में 9वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया
जालंधर , 21 जून, 2023: दोआबा कॉलेज में 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में "आओ जालन्धर में योग करें" समागम आर्ट ऑफ लिविंग, माई एफ.एम. रेडियो 94.3 एवं हॉक राइडर जालन्धर के संयुक्त प्रयासों से आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुशील रिंकू- मेंबर पार्लियामेंट, जालन्धर तथा विशिष्ट अतिथियों में रमन अरोड़ा- एमएलए, जालन्धर सेंट्रल, ध्रुव मित्तल- कोषाध्यक्ष, कॉलेज मैनेजिंग कमेटी, सत्यपाल गुप्ता- मैंबर, कॉलेज मैनेजिंग कमेटी तथा कुलदीप सिंह- आर्ट ऑफ लिविंग, रोहित- हॉक राईडर उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, प्रो. अरविंद नंदा, प्रो. सुखविंदर सिंह व डा. सुरेश मागो- इवेंट कोऑर्डिनेटर ने किया।
समागम का शुभारंभ महानुभावों ने ज्योति प्रज्ज्वलन से किया। इसके बाद प्रसिद्ध भजन गायक राजेश प्रेमी ने अपने भजन ओम बोले रोम रोम बोले ओम ने दर्शकों के मन चित्त को आनंदित किया। 94.3 माय एफ.एम. आर.जे. गैरी, रीत एवं विकास ने भी दर्शकों का मनोरंजन किया।
प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने अपने संबोधन में सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सभी को शुभकामनाएं दी तथा योग को चित्तवृति निरूधा अर्थात चित की बुराईयों को समाप्त करने वाला साधन बताया। उन्होंने योग को शरीर, श्वास एवं मन से जोड़ने पर बल दिया। प्रत्येक व्यक्ति को सुनकर सीखने की ओर बढ़ना चाहिए ताकि सीख कर जीवन को सुधारा जा सके।
सुशील रिंकू- मुख्य अतिथि ने कॉलेज के द्वारा समाज के लिए किए जाने वाले कार्यों की प्रशंसा करते हुए आशा प्रकट की कि आने वाले समय में कॉलेज शिक्षा के साथ साथ सामाजिक मूल्यों का इसी तरह प्रसार करता रहेगा।
इसके बाद कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक कुलदीप सिंह एवं रोहित- प्रशिक्षक, आर्ट ऑफ लिविंग ने अपने शिष्यों के सहयोग से मौजूद दर्शकों से योगाभ्यास कराते हुए भुजंगासन, नौकासन, ताड़ आसन, शुल्भ आसन, पाद आसन एवं नाड़ी शोधन क्रियाओं का अभ्यास करवाया।
कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथियों एवं योग प्रशिक्षकों को पौधे देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में एनसीसी, एनएसएस, हेल्थ एवं वेल बींग के सदस्यों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के को-कोऑर्डिनेटर प्रो. सुरेश मागो ने सभी का धन्यवाद किाय।