कमलेश भारतीय की एक काव्य रचना
हर यात्रा में हर बार
खिड़की के पास
बैठने की जिद्द
करता है बच्चा ।
देखना चाहता है
पहाड़
ले आना चाहता है
नदी का शीतल जल
पेडों की हरियाली
और नदी किनारे का
फूल ।
सच यदि हम यात्रा कर पाएं
बच्चे की उत्सुकता भरी निगाहों से
तो जीवन भर
न लगेगा कोई पुराना रास्ता
और न ही कोई
बासी दिन ...