प्रोफेसर रामनाथ वेदालंकार (दयानन्द चेयर के संस्थापक) की स्मृति में ‘आचार्य रामनाथ वेदालंकार स्मृति-व्याख्यान’ का प्रारम्भ

प्रोफेसर रामनाथ वेदालंकार (दयानन्द चेयर के संस्थापक) की स्मृति में ‘आचार्य रामनाथ वेदालंकार स्मृति-व्याख्यान’ का प्रारम्भ

चंडीगढ़, 5 फरवरी, 2025: आज दिनांक दयानन्द चेयर, पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ द्वारा प्रोफेसर रामनाथ वेदालंकार (दयानन्द चेयर के संस्थापक) की स्मृति में ‘आचार्य रामनाथ वेदालंकार स्मृति-व्याख्यान’ का प्रारम्भ किया गया।  इस विशिष्ट व्याख्यान का विषय - वेदयुगीन राजनैतिक सिद्धान्त था, जिसमें प्रोफेसर बलवीर आचार्य, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक से मुख्य अतिथि व वक्ता के रूप में  उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ विभाग के  सहायक आचार्य डॉ. भारद्वाज ने वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ किया एवं प्रो. वी. के. अलंकार ने मुख्य वक्ता तथा उपस्थित सभी महानुभावों का स्वागत-अर्चना की।  मुख्य वक्ता प्रोफेसर बलवीर आचार्य ने अपने वक्तव्य में धर्म का अर्थ कर्त्तव्य, व्यवहार एवं  संविधान करते हुए राष्ट्र की उत्पत्ति के सिद्धान्त, सभा, समिति, राजा के गुण तथा शपथ, धर्मशास्त्र, न्याय-व्यवस्था, मन्त्री-मण्डल के कार्य, वेदोक्त न्यायाधीश अर्थात् मुख्य वैदिक विद्वान् (पुरोहित), कर-व्यवस्था, तथा प्रजा के कर्त्तव्यों पर तर्कसंगत टिप्पणी की। तदनन्तर विभाग के आचार्य प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने सामाजिक समरसता को बढाते हुए एक साथ मिलकर समाज में व्यवहार करने का निर्देश किया तथा यह भी इंगित किया कि वेद के शब्द रूढि न होकर यौगिक होते हैं अर्थात् एक शब्द के अनेक अर्थ भी हो सकते हैं। इस अवसर पर गुरु नानक सिख अध्ययन के आचार्य गुरपाल सिंह ने भी वेदसम्मत उद्धरणों को श्री गुरुग्रन्थ साहिब में प्रदर्शित किया है। विभाग के सहायक आचार्य डॉ. भारद्वाज ने उपस्थित सभी महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के अनेक आचार्य गण जैसे विशेष रूप से प्रो. मनु शर्मा, प्रो. ऋतु बाला, प्रो. लखबीर सिंह, डॉ. सुषमा अलंकार, डॉ. तोमीर शर्मा, डॉ. सुनीता देवी, डॉ. देवी सिंह तथा संस्कृत विभाग के सभी छात्र एवं अधिकारी गण उपस्थित रहे।