हैप्पीनैस प्राप्ति को जीवन लक्ष्य बनाना चाहिए: प्रो. दमनजीत संधु 

हैप्पीनैस प्राप्ति को जीवन लक्ष्य बनाना चाहिए: प्रो. दमनजीत संधु 

रोहतक, गिरीश सैनी। हैप्पीनैस का सार्थक संदेश बुलंद करते हुए शुक्रवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में हैप्पीनैस विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। 
एमडीयू के प्रशासनिक स्टाफ कालेज तथा हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर एवं अध्यक्षा प्रो. दमनजीत संधु ने बतौर आमंत्रित विशिष्ट वक्ता इस कार्यशाला में संबोधन किया। 
 कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों, फैकल्टी सदस्यों तथा गैर शिक्षक कर्मियों में बेहतर मानसिक स्वास्थ्य तथा खुशी एवं वैलबीइंग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। ये कार्यशाला इस दिशा में सार्थक प्रयास है। 
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि कार्यस्थल तथा जीवन के अन्य आयामों में दूसरे व्यक्ति तथा टीम सदस्यों की प्रशंसा की मनोवृत्ति विकसित करनी चाहिए ताकि एक खुशनुमा माहौल किसी भी संगठन/संस्थान में बना रहे। उन्होंने कहा कि जीवन तथा कॅरियर सफलता का एक महत्त्वपूर्ण मापदंड हैप्पीनैस है। उन्होंने कहा कि एमडीयू परिवार में हैप्पीनैस को एक मिशन के रूप में स्थापित किया जाएगा। 
    इस कार्यशाला में आमंत्रित विशिष्ट वक्ता पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला की मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो. दमनजीत संधु ने हैप्पीनैस की अवधारणा तथा उससे जुड़े विभिन्न मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हैप्पीनैस प्राप्ति को जीवन लक्ष्य बनाना चाहिए। 
    कार्यशाला में कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा तथा डीन, सीडीसी प्रो. ए.एस. मान ने भी संबोधन किया तथा इस विषय के विभिन्न पहलुओं का सांझा किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री की प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. अंजलि मलिक ने स्वागत भाषण दिया। हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री की प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. दीप्ति हुड्डा ने आमंत्रित वक्ता प्रो. दमनजीत संधु का परिचय दिया तथा उनके शैक्षणिक तथा व्यावसायिक उपलब्धियों को सांझा किया।
    प्रशासनिक स्टाफ कालेज समन्वयक डा. अनार सिंह ढुल ने आभार प्रदर्शन किया। सहायक समन्वयक नितिन सिवाच ने मंच संचालन किया। एमडीयू के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, कार्यालय प्रभारी तथा गैर शिक्षक कर्मी इस कार्यशाला में शामिल हुए।