टिक टाक स्टार से सनसनी स्टार तक/कमलेश भारतीय
पार्टी क्या कार्यवाही करती है, यह लोगों को ज्यादा उम्मीद नहीं सिवाय समझौते और सचिव की ट्रांसफर के
हिसार की एक्ट्रेस सोनाली फौगाट टिक टाॅक स्टार के रूप में चर्चित हैं । फरीदाबाद में हुए फिल्म फेस्टिवल में टिक टाॅक स्टार का पुरस्कार स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिया था । यही नहीं इस बार इंडिया टूडे की वार्षिकी में भी सोनाली को चुना गया था । मंडी आदमपुर के विधानसभा चुनाव में चौ भजनलाल के गढ़ में कुलदीप बिश्नोई को चुनौती देने के लिए भाजपा ने सोनाली फौगाट को ही चुना था । इसके बावजूद सोनाली हार गयीं । पर मंडी आदमपुर में सक्रिय हैं ताकि अगली बार टिकट पर अपना दावा ठोक सकें । वैसे सोनाली एक एक्ट्रेस के रूप में ज्यादा जानी जाती हैं । छोरियां, छोरों से कम नहीं होतीं फिल्म का निर्माण सतीश कौशिक ने किया जिसमें सोनाली फौगाट महिला एस पी के किरदार में दिखीं । इस फिल्म का भव्य रिलीज समारोह सनसिटी माॅल में हुआ था । खैर । अब सोनाली ने बालसमंद में जो किया उससे वह टिक टाक स्टार से सनसनी स्टार बन गयी हैं । जब से उन्होंने बालसमंद में मार्केट कमेटी के सचिव की थप्पडों व सैंडिलों से सरेआम पिटाई की है तब से उनका वीडियो सनसनी की तरह वायरल हो रहा है । शायद आज तक इतने लाइक कभी नहीं मिले नहीं होंगे और न ही इतने शेयर । धूम मच गयी सोनाली की । क्या रीयल लाइफ में सोनाली ने एस पी बनने की कोशिश की ? क्या कानून अपने हाथ में लिया ? क्या सोनाली को ऐसा कोई अधिकार भाजपा ने दिया है ? नहीं । यह तो बहुत ही अपमानजनक वीडियो है । इसमें सुलतान सिंह तो रोते व मिन्नतें करता दिख रहा है जबकि सोनाली धमकाती और पिटाई करति दिख रही हैं । दोनों पक्षों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी है लेकिन सुल्तान सिंह का माफीनामा पुलिस में शिकायत से पहले कैसे आ गया ? सुलतान सिंह का कहना है कि दवाब में लिखवाया गया यानी पिटाई और वीडियो के वायरल होते ही सोनाली के समर्थकों ने बचाव के तरीके खोजने शुरू कर दिए । सचिव पर यह इल्जाम लगाया गया कि शेड के निरीक्षण के दौरान जो पचास कदम साथ चला उसने सोनाली को कहा कि आपको धूप में चलने की क्या जरूरत है ? काम वैसे ही हो जाता । सोनाली ने केस मजबूत करने के लिए कृष्णा गहलावत और कमलेश ढांडा के नाम भी जोड़ दिए हैं ताकि एक पूरी लाॅबी इनके समर्थन में आकर खड़ी हो जाए । यह कमाल की सोच और रणनीति । अब मामला बराबर । केस दोनों पर । आखिर समझौते के दांव चले जाएंगे ।
जिस तरह से हिसार में इससे पहले भाजपा के सुजीत कुमार ने हांसी में एसडीएम जितेंद्र सहरावत को सिर्फ कार पार्किंग न करने देने के लिए देख लेने की बात कही थी और वह वीडियो भी वायरल हुआ था लेकिन भाजपा हाईकमान ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की थी बल्कि हांसी के विधायक विनोद भ्याण ने विश्राम गृह में बुला कर समझौता करवा दिया था जिससे भाजपा के कार्यकर्त्ताओं के हौसले बढ़ गये । अब यह मामला सामने आया और अभी तक भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला का कोई बयान सामने नहीं आया । यहां भी समझौते की ग्राउंड तैयार कर दी गयी है ।
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुलदीप विश्नोई आगे आए हैं और सरकारी कर्मचारियों के मान सम्मान की बात उठाई है । अभी तक भाजपा कार्यकर्त्ता यह कह रहे थे कि अफसर उनकी सुनवाई नहीं करते । अब अफसर कहेंगे कि आपके कार्यकर्त्ता तो हमारी पिटाई करने लगे । हम कहां जाएं ? इतनी छूट क्या दी जा सकती है ? कानून हाथ में लिया जा सकता है ? फिर वह चाहे महिला हो या पुरूष ? पुलिस के पास बाद में भी तो गयी हो सोनाली । पहले ही जा सकती थीं । ऐसा अधिकार न कोई पार्टी देगी और न दे सकती है कि आप पहले सैंडिल मार कर आ जाओ । फिर आपको सुरक्षित रख लेंगे । इस तरह तो सिर्फ सनसनी स्टार ही बन सकती हो । इससे अच्छा टिक टिक स्टार ही रहती । राजनीति में तो बहुत संभव कर चलना पड़ता है । बड़े धोखे हैं इस राह में सोनाली जी जरा संभलना । पार्टी क्या कार्यवाही करती है, यह लोगों को ज्यादा उम्मीद नहीं सिवाय समझौते और सचिव की ट्रांसफर के । फिर भी क्या पता कोई नया कीर्तिमान बन जाए । कोई नया उदाहरण पेशकश किया जाए । पर ज्यादा संभावना कि सरकार बेटी को बचायेगी । अब तो ठीक है -बेटी बचाओ न । अफसरों को ही नहीं हर पुरूष को नारी का सम्मान तो करना ही चाहिए ।