भगत फूल सिंह का जीवन चरित्र आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए एड ऑन कोर्स शुरू किया जाएगा: कुलपति प्रो सुदेश
महिला विश्वविद्यालय में हवन कर महान शिक्षाविद को किया नमन।
खानपुर कलां, गिरीश सैनी। महिला विश्वविद्यालय मात्र शिक्षण संस्थान ही नहीं, बल्कि महान शिक्षाविद् भगत फूल सिंह की तपोस्थली है। यह विश्वविद्यालय उनके बलिदान और उनकी प्रेरणा से नारी शिक्षा व सशक्तिकरण में जन भागीदारी का जीवंत उदाहरण है। यह उद्गार भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश ने शनिवार को भगत फूल सिंह की 139 वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए व्यक्त किए। विश्वविद्यालय यज्ञशाला में आयोजित हवन-यज्ञ कार्यक्रम के पश्चात कुलपति प्रो सुदेश ने घोषणा करते हुए कहा कि भगत फूल सिंह के जीवन चरित्र व उनके त्याग की अवधारणा को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए नई शिक्षा नीति-2020 के तहत "गुरुकुल परंपरा और भगत फूल सिंह जी का दर्शन" विषयक दो क्रेडिट आधारित एड ऑन कोर्स शुरू किया जाएगा।
हवन यज्ञ कार्यक्रम में कुलपति प्रो सुदेश तथा प्रो हवा सिंह ने मुख्य यजमान के रूप में आहुति डाली। बहन शकुंतला देवी ने पूरे विधि विधान से यज्ञ संपन्न कराया।
यज्ञ उपरांत भगत फूल सिंह को नमन करते हुए कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि यह आयोजन केवल हवन मात्र नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय समुदाय के लिए पुनः संकल्प लेने का अवसर है कि किस प्रकार भगत फूल सिंह जी ने विषम परिस्थितियों में कठिन संघर्ष करते हुए इस शिक्षा रूपी पौधे को लगाया। उनके निस्वार्थ सेवा के उद्देश्य और संकल्प के परिणाम स्वरूप यह पौधा आज विश्वविद्यालय रूपी वट वृक्ष बन गया है।
कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि नारी शिक्षा और सशक्तिकरण के उद्देश्य को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि भगत फूल सिंह और बहन सुभाषिनी देवी के विचार व नारी शिक्षा में योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनसे जुड़े संस्मरणों का दस्तावेजीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इसी उद्देश्य के साथ विश्वविद्यालय में बहन सुभाषिनी देवी शोध पीठ की स्थापना की जा रही है।
इस अवसर पर बहन शकुंतला देवी ने भी भगत फूल सिंह के जीवन से जुड़ी यादें साझा की। हवन यज्ञ कार्यक्रम के पश्चात कुलपति व अन्य अतिथियों ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित भगत फूल सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान बहन कमला, ज्ञानवती, ब्रह्मवती, साहिब कौर, कुलसचिव प्रो नीलम मलिक सहित प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी, गैर शिक्षक कर्मी एवं कन्या गुरुकुल विद्यापीठ की छात्राएं मौजूद रही।