रंग आंगन नाट्योत्सव में अग्रदूत
-कमलेश भारतीय
हिसार: मनीष जोशी और मनोज बंसल की जोड़ी नाटक मंचन में हर साल कमाल और धमाल करती है । ऐसा करते हुए सात वर्ष हो गये । किसी छोटे शहर में इस स्तर का नाट्योत्सव करना कोई खेल नहीं । इनके हौंसले को सैल्यूट ।
कल तीसरा दिन था नाट्योत्सव का । खुद मनीष जोशी निर्देशित नाटक अग्रदूत का मंचन किया गया । लगभग एक डेढ़ घंटे में महाराजा अग्रसेन और अग्रोहा की कथा बड़ी खूबसूरती से कही गयी -किसासागोई शैली में । सब कुछ था -नृत्य , संगीत और कथा के साथ साथ इतिहास । संदेश समरसता और एक ईंट , रुपये का रहस्य खोल दिया । सतनाम वाहेगुरु वाली शैली अपनाई मनीष जोशी ने । वही दोनों कलाकार सूत्रधार । सबसे प्रभावशाली अभिनय कुललक्ष्मी और महाराज अग्रसेन के रूप में अपूर्व भारद्वाज का रहा ।
दूसरा नाटक रहा विदूषक । थियेटर की सारी बारीकियों के जानकार गगनदीप आनंद और नायिका के रूप में निधि चौधरी ने खूब खूब प्रभावित किया । जीवन में हम सब विदूषक हैं । यह नाटक एक फिल्म से न केवल प्रभावित है बल्कि मुख्य किरदार विदूषक की एक्टिंग भी बिल्कुल उसी तरह की है । सबसे बड़ी बात जो सबसे खूबसूरत,थी वह था स्वप्न में अंजलि का आना लेकिन निर्देशक महोदय को इतने खूबसूरत अंत की इच्छा न थी । वे आगे बढ़ते गये और वीभत्स रूप में नायिका का चित्रण सामने आया जिसकी जरूरत नहीं थी । खैर । नाटक करेंगे तो गलतियां भी होंगीं ही फिर भी दोनों नाटकों के कलाकारों को बधाई । इन नाटकों से हिसार का नाटक समृद्ध हुआ । नाटक ने न केवल मनोरंजन बल्कि जीवन सीख भी दी । रमन नास्सा संभालती हैं ओपन बाइक और डाॅ अल्पना सुहासिनी संभालती हैं मंच संचालन । रिम्पी अंकुर लिखा ने कुछ दोहे सुनाये । यह खूब सूरत दिन बहुत याद आयेगा ।