राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज के प्राध्यापकों की सेवा निवृती की आयु 60 से 58 घटाने पर पीसीसीटीयू द्वारा आंदोलन: डा. विनय सोफट

राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज के प्राध्यापकों की सेवा निवृती की आयु 60 से 58 घटाने पर पीसीसीटीयू द्वारा आंदोलन: डा. विनय सोफट
पीसीसीटीयू के  प्रधान डॉø विनय सोफट।

जालंधर, 30 जनवरी, 2023: पी.सी.सी.टी.यू के प्रधान डा. विनय सोफट ने बताया कि पंजाब सरकार ने राज्य के यूनीवर्सिटी एवं कॉलेज के प्राध्यापकों को यूजीसी के सातवें पे-कमीशन को पहले ही 6 वर्षों (2016-17) से पैंडिंग था को 5 सितंबर, 2022 को शिक्षिक दिवस के दिन ऐलान करने की कवायद कर, इसे आनन फानन में 9 सितंबर, 2022 पंजाब की कैबीनेट में इसको पास करके कानूनी रूप देते हुेए 28 सितंबर, 2022 को इस संबंध में असमंजस व उलझन से भरा हुआ नोटीफिकेशन जारी किया। परन्तु यह बेहत अफसोसजनक है कि इस नोटिफिकेशन में राज्य के गैर सरकारी कॉलेजों में काम कर रहे प्राध्यापकों की सेवा निवृती की आयु 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष करने की भेदभाव पूर्ण बात कही गई है जिसे कि पीसीसीटीयू व सभी प्राध्यापक जत्थेबंदियां रद्द करती हैं। 

डा. विनय सोफट ने कहा कि इस नोटिफकेशन की क्लॉज़ नं. 11 सी व 11 ई में कहा गया है कि कॉलेजों में प्राध्यापकों की सर्विस कंडिशनस जैसे पहले थीं वैसे ही रहेंगी परन्तु इसी नोटिफिकेशन क्लॉज़ नं. 13(2) में सेवानिवृती की आयु  58 वर्ष घटाने की बात कही गई है जोकि गैर कानूनी है तथा पीसीसीटीयू को नामंजूर है।  

उन्होंने बताया कि इस बाबत सभी प्राध्यापक जत्थेबंदियों की लगातार इस मुद्दे पर मंत्रियों, अफसरों के साथ बातचीत चल रही है तथा राज्य में जिन प्राध्यापकों की आयु 58 वर्ष हो गई है उनका हाईकोर्ट में स्टे चल रहा है, किन्तु फिर भी सरकार के प्राध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार के चलते जानबूझ कर सरकार के द्वारा असमंजस की स्थिति पैदा की जा रही है जिसको पीसीसीटीयू ने देखते हुए आंदोलन के रास्ते पर जाने का निर्णय कर लिया है। 
डा. विनय सोफट ने कहा कि  यह बड़े दुख की बात है कि डीपीआई कॉलेजिज़ पंजाब के दफतर ने इस बातचीत व हाईकोर्ट के सटे की प्रवाह ना करते हुए उक्त प्राध्यापकों के क्लेम के मामले में मनमर्जी कर रहें हैं जिसका पीसीसीटीयू विरोध करती है। 

डा. विनय सोफट ने पंजाब प्राईवेटली मैनेज्ड ऐफीलेटिड एंड पंजाब गर्वनर एडिड कॉलेज पैंशनरी बैनेफिट्स स्कीम 1996 (रिपील) बिल 2012 का हवाला देते हुए कहा कि उस समय सपैशल सैक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन  पंजाब में भी यह लिखित रूप से अंकित था कि पंजाब के गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों की प्राध्यापकों की सेवानिवृती की आयु 60 वर्ष है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने सेवानिवृती की आयु 58 वर्ष घटाकर 44 वर्ष ग्रांट ईन ऐड एक्ट 1979 की घोर उल्लंघना की है। 

डा. विनय सोफट ने कहा कि हाल ही में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दफ्तर द्वारा इनके कॉलेजों में कार्य कर रहे 58 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके प्राध्यापकों को सेवानिवृती करने का सर्कुलर जारी किया है जिसका पीसीसीटीयू घोर निंदा करते हुए 30 जनवरी, 2023 में पटियाला में आंदोलन व धरना प्रदर्शन की घोषना करता है। 

डा. सोफट ने कहा कि पीसीसीटीयू द्वारा पंजाब के  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान,  शिक्षा मंत्री व वित्त मंत्री से मुलाकात का समय मांग कर अपनी जायज मांगों के बारे में मुलाकात करेगा व उक्त गैर कानूनी बदलावों को रद्द करने की मांग करेगा। 

डा. सोफट ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के नेताओं प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल व दलजीत सिंह चीमा से मुलाकात कर एसजीपीसी द्वारा जारी किए गए सर्कुलर को रद्द करवाया जाएगा। पीसीसीटीयू द्वारा पंजाब के सभी जिलों में कार्यरत अपने प्राध्यापकों को अपने अपने हल्कों के विधायकों को पीसीसीटीयू का ज्ञापन सौंपने का शेड्यूल बना दिया गया है।