बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ आदिश अग्रवाल ने बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखा।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत-बांग्लादेश संधि के कानूनी पहलुओं का पत्र में किया उल्लेख।
रोहतक, गिरीश सैनी। पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने पर चिंता प्रकट करते हुए ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ आदिश अग्रवाल ने बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एएम महबूब उद्दीन खोकों को पत्र लिखकर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है।
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आदिश अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, ढाका के अध्यक्ष एएम महबूब उद्दीन खोकों को लिखे पत्र में कहा है कि भारत और बांग्लादेश की कानूनी बिरादरी ने बहुत निकटता के साथ काम किया है और बांग्लादेश के कई प्रधान न्यायाधीश लंदन और नई दिल्ली में हमारे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शामिल हुए हैं।
डॉ अग्रवाल ने पत्र में कहा कि दक्षिण एशियाई देशों के बार एसोसिएशन हमेशा से ही मानवाधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हुए हैं। मीडिया में यह खबरें आ रही हैं कि हिंदुओं के घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साथ ही मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें लूटा जा रहा है और नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने पत्र में अनुरोध किया है कि हिंदुओं को बांग्लादेश में निशाना ना बनाया जाए, यह सुनिश्चित करें।
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की हैसियत से खोकों द्वारा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना को गिरफ्तार कर उन्हें बांग्लादेश को सौंपने की मांग पर डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत यह फिलहाल संभव नहीं है। उन्होंने पत्र में कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच ढाका में 28 जनवरी, 2013 को हुई संधि के तहत प्रत्यर्पण के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाया गया हो या उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया हो या वह दोषी करार दिया गया हो या फिर प्रत्यर्पण के अपराध के लिए दंड दिए जाने के लिए वह वांछित हो।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष डॉ अग्रवाल ने कहा कि ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं हुई है जिसमें शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना पर किसी आपराधिक मामले में आरोप लगाया गया हो। उन्होंने पत्र में लिखा कि हालांकि अगर दावा किया जाए कि इन पर किसी अपराध का आरोप है और यदि बांग्लादेश की सरकार ने भारत सरकार से प्रत्यर्पण का कोई अनुरोध किया है तो कृपया यह सूचना अविलंब उपलब्ध कराएं ताकि इस संबंध में भारत सरकार पर दबाव बनाया जा सके।