कांग्रेस का मकसद जनसेवा नहीं, बल्कि प्रदेश को लूटना हैः भाजपा राष्ट्रीय सचिव धनखड़
कहा, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दबाए रखा।
रोहतक, गिरीश सैनी। पूर्व मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ ने शनिवार को रोहतक में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। धनखड़ ने कांग्रेस को दूसरी बार घोषणा पत्र जारी करने पर घेरा और 50 वोटों पर नौकरी देने की कांग्रेसी मानसिकता को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मकसद जनसेवा नहीं, बल्कि प्रदेश को लूटना है। कांग्रेस के प्रत्याशी 50 वोटों के बदले एक नौकरी देन की बात कर रहे हैं, वहीं अपना और अपने रिश्तेदारों का घर भरने की बात कहकर कांग्रेस के भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशियों के बयानों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस चुनाव सिर्फ और सिर्फ लूटने के लिए लड़ रही है।
धनखड़ ने कांग्रेस और भाजपा के मेनिफेस्टो की तुलना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने एक सब्जी बनाई थी जिसका स्वाद अच्छा नहीं बना, इसी कारण कांग्रेस दूसरा घोषणा पत्र ले आई। भाजपा का संकल्प पत्र जन-जन के बीच लोकप्रिय हो रहा है, जबकि कांग्रेस घोषणा पत्र की रेस में पिछड़ चुकी है। भाजपा के घोषणा पत्र के महिला चौपाल, लाडो लक्ष्मी योजना, 36 बिरादरी के लिए अलग-अलग कल्याण बोर्ड आदि की घोषणाओं को प्रत्येक जिले का व्यक्ति पसंद कर रहा है। धनखड़ शनिवार को रोहतक में पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता केके शर्मा, हरियाणा प्रदेश मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी, प्रदेश सह मीडिया प्रमुख शमशेर खरक, महाराज सिंह आदि मौजूद रहे।
कांग्रेस पर हमला करते हुए धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस के लोग उस समय की याद दिला रहे हैं जब पांच नसबंदी कराने पर कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाती थी। अब कांग्रेस के विधायक पहले अपना और अपने रिश्तेदारों का घर भरने की बात कर रहे हैं। धनखड़ ने कांग्रेस से सवाल किया कि वे साफ करें कि वह जनता की सेवा करने के लिए जीतना चाहते हैं अथवा उन्हें लूटने के लिए।
ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस के लोग लोकसभा चुनाव में कुछ सीटें जीतकर अधिक खुश हो गए थे, लेकिन अब उनके नेताओं ने ऐसे बयान दे दिए हैं, जिससे जनता के सामने उनकी मंशा साफ हो चुकी है। जो लोग इन्हें वोट देने भी वाले थे, वह भी अब इनके लिए मतदान नहीं करेंगे। दीपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता दो-तीन रुपए के चेक किसानों को भेजते थे, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ये लोग किसानों की हजारों एकड़ जमीन दबाकर बैठे हैं। कांग्रेस जानबूझकर युवाओं की नौकरियों को रोकने का प्रयास करती है जिसके कारण युवा उनके घरों पर जाकर भी प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मिर्चपुर कांड, गोहाना कांड, और कुमारी शैलजा व अशोक तंवर के ऊपर किए हुए अत्याचार जनता को याद आ चुके हैं, जिससे कांग्रेस ने खुद ही अपना सुपड़ा साफ कर लिया है।
धनखड़ ने कहा कि एक दशक तक किसान मोर्चा के नेता और 5 साल कृषि मंत्री के तौर पर किसानों के लिए काम करने का मौका मिला। भाजपा सरकार में ऐसे फैसले लिए गए जो आज मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसान हित में अनेकों कदम उठाए जिससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर किसानों को दिए जिससे किसानों को 18 के बजाए 9 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध हुआ। उन्होंने कहा कि लाभकारी मूल्य की शुरुआत भी वाजपेई सरकार ने सोमपाल आयोग बनाकर की थी, लेकिन दुर्भाग्य से रकार गिर गई और कांग्रेस ने किसान आयोग का चेहरा बदलकर एमएस स्वामीनाथन को इस आयोग का चेहरा बनाया। सोमपाल के काम को पूरा करते हुए स्वामीनाथन आयोग ने अक्टूबर 2006 में अपनी रिपोर्ट पेश की। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए हरियाणा के पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि 2006 से 2014 तक कांग्रेस की सरकार ने इस आयोग की रिपोर्ट पर कोई भी काम नहीं किया। इस बीच उन्होंने कुछ मुख्यमंत्रियों की एक कमेटी बनाई जिसके अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे तब भी कुछ नहीं किया गया।
धनखड़ ने कहा कि किसान हित में देशव्यापी लड़ाई लड़ी और अपने घोषणा पत्र में 2014 में लिखा कि हम 50 प्रतिशत मुनाफे के साथ फसलों के दाम देंगे और किसानों को जोखिम से मुक्त करेंगे। भाजपा ने अपनी पहली ही योजना में एल-2 जमा एफएल देना शुरू किया। प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई सिफारिश के बाद देश भर में फसल बीमा योजना लागू की गई। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत डेढ़ लाख करोड रुपए किसानों के खाते में डाले गए जिसमें से हरियाणा के किसानों के खाते में 8000 करोड रुपए आए।
भाजपा राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि किसानों की फसल खरीद के लिए कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने 14 फसलों की एमएसपी पर खरीद शुरू की थी और अब 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद जारी है। भविष्य में भी इस गारंटी को अनवरत चलने दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त भावांतर भरपाई स्कीम की योजना बनाई गई जिससे किसानों को टमाटर और प्याज सड़क पर न फेंकने पड़ें और पशुधन को बढ़ाने के लिए नर्सरी पर ढाई लाख रुपए का इनाम भी शुरू किया गया।