वैक्टर-जनित बीमारियों से बचाव के लिए सभी विभाग गंभीरता जिम्मेवारियों का करें निर्वहन: एडीसी वैशाली सिंह
रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने कहा कि वैक्टर-जनित बीमारियों से बचाव के लिए सभी संबंधित विभाग अपनी जिम्मेवारियों का गंभीरता से निर्वहन करें। अपने आसपास पानी खड़ा न होने दें। वर्ष 2030 तक मलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मलेरिया डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के सभी उपायों को नागरिक अपनाकर इन बीमारियों से बच सकते है। पानी को ठहरने नहीं देना है, क्योंकि ठहरे पानी में मच्छर पनपता है, जिससे यह बीमारियां फैलती है।
अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह स्थानीय जिला विकास भवन के डीआरडीए हॉल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित बैठक में वैक्टर-जनित बीमारियों से बचाव के प्रबंधों की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने नगर निगम, सांपला, महम व कलानौर नगरपालिकाओं के संबंधित अधिकारियों से फोगिंग मशीनों की जानकारी हासिल की तथा उन्हें सभी मशीनों को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचने के लिए नागरिक विभाग द्वारा सुझाये गए उपायों को अपनाये। इन उपायों के अंतर्गत पानी के बर्तन, टंकी, घड़ों आदि को ढककर रखें, सप्ताह में एक दिन कूलर, फूलदान, फ्रिज की ट्रे, पशु-पक्षियों के बर्तन व ड्रमों को खाली करके फिर पानी डाले। शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहने, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, ठहरे पानी में मिट्टïी का तेल या लारवा नाशक दवाई डाले तथा बुखार होने की स्थिति में पेरासिटामोल की गोली लें।
सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला ने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों की जानकारी, सुझाव, शिकायत, बचाव व सुविधाओं का लाभ लेने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी या जिला अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है। डेंगू व चिकनगुनिया की जांच सभी जिला अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। डॉ. सत्यवान ने वैक्टर-जनित बीमारियों से बचाव की स्क्रीन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। बैठक में आईएमए के प्रधान डॉ. रविंद्र, डॉ. मंजू महत्ता, डॉ. कपिल, डॉ. ईशा, डॉ. जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिक सैनी, सुरेश भारद्वाज, मुकेश सहित, स्वास्थ्य विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।