स्थाई परीक्षा नियंत्रक की बाट जोह रहे रोहतक के तीनों सरकारी विश्वविद्यालय

सुपवा व हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपतियों का कार्यकाल पूरा।

स्थाई परीक्षा नियंत्रक की बाट जोह रहे रोहतक के तीनों सरकारी विश्वविद्यालय

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा की राजनीतिक राजधानी माने जाने वाले शिक्षा के हब रोहतक में स्थित तीनों सरकारी विश्वविद्यालय - महर्षि दयानंद विवि, डीएलसी सुपवा और पं. भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विवि स्थाई परीक्षा नियंत्रक की बाट जोह रहे हैं। फिलहाल इन तीनों विश्वविद्यालयों में अस्थाई परीक्षा नियंत्रक के हाथों में परीक्षा प्रणाली की बागडोर है।

लगभग एक साल पहले एमडीयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस सिंधु की सेवानिवृत्ति उपरांत कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त कार्यभार संभाले हुए हैं। वहीं, जानकारों के अनुसार डीएलसी सुपवा में करीब 1 साल पूर्व परीक्षा नियंत्रक का पद विज्ञापित किया गया था, लेकिन अज्ञात कारणों के चलते इस पद के लिए साक्षात्कार नहीं हो सका। अभी पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी.पी. नांदल ही इस पद को संभाले हुए हैं।

इसी तरह पं. भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विवि में भी परीक्षा नियंत्रक का पद रिक्त है। हालिया उजागर हुए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले के चलते राज्य की इकलौती हेल्थ यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल हुई है। इस घोटाले की खबरें सामने आने के बाद प्रदेश सरकार व विवि प्रशासन की गाज कुछ गैर शिक्षक कर्मियों पर जरूर गिरी है, लेकिन यह भविष्य के गर्भ में है कि सरकार गंभीर रुख अपनाते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाएगी या नहीं।

हरियाणा में लोकसभा व विधानसभा चुनावों के उपरांत प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में नई नियुक्तियों के अलावा कार्यकारी परिषद (ईसी) व शैक्षणिक परिषद (एसी) की बैठकों पर रोक लगा दी थी। हालांकि, कुछ समय बाद शैक्षणिक परिषद (एसी) की बैठकों से रोक हटा ली गई थी। कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठकों पर भी रोक हटा ली गई लेकिन किसी भी प्रकार की नियुक्तियों पर रोक अभी भी जारी है। इन हालातों में फिलहाल रोहतक के तीनों विश्वविद्यालयों में स्थाई परीक्षा नियंत्रकों की नियुक्ति पर संशय के बादल छाए हुए हैं।

पं. भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विवि की कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना का कार्यकाल दिसंबर माह में पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने विवि के कुलसचिव डॉ. एच.के. अग्रवाल को कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। कुलपति व कुलसचिव, दोनों पदों की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए डॉ. एच.के. अग्रवाल लगातार एक्शन मोड में नजर आए हैं और विवि की व्यवस्था में कई सुधार कर अपनी कर्मठ कार्यशाली प्रदर्शित की है।

वहीं डीएलसी सुपवा के कुलपति, प्रसिद्ध अभिनेता गजेंद्र चौहान का कार्यकाल 9 दिसंबर 2024 को पूरा हो चुका है। फिलहाल विवि के कुलाधिपति एवं राज्यपाल के कार्यालय से चौहान का कार्यकाल बढ़ाए जाने के कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। फिलहाल यहां के प्रशासन की जिम्मेदारी कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा संभाल रही है। एमडीयू के कुलसचिव डॉ. गुलशन लाल तनेजा का कार्यकाल भी नवंबर 2024 में पूरा हो चुका है। लेकिन अभी तक सरकार ने इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं की है। मदवि के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने एमडीयू एक्ट के स्टैच्युट 2 (3) के प्रावधानों के तहत प्रो. गुलशन लाल तनेजा को कुलसचिव पद पर नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल 29 नवंबर से आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेगा।