स्किल्स के साथ-साथ सोशल कनेक्ट होना जरूरीः वर्षा सरकार
एमडीयू में व्याख्यान तथा कॅरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। भविष्य में कॅरियर तथा जीवन में सफलता के लिए संचार कौशल, टेक्नोलॉजी पारंगतता, परानुभूति,भावनात्मक बुद्धिमत्ता, क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल, सोशल मीडिया तथा डिजीटल मार्केटिंग स्किल्स जरुरी है। जरूरत है कि स्किल्स के साथ-साथ सोशल कनेक्ट होना चाहिए। प्रतिष्ठित गांधी फेलो तथा पीरामल फाउंडेशन की प्रोग्राम मैनेजर वर्षा सरकार ने एमडीयू में कैरियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल के द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान तथा कॅरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम में ये उद्गार व्यक्त किए।
सीसीपीसी तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता वर्षा सरकार ने अपनी गांधी फेलोशिप के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार राजस्थान के झुंझुनू जिला के खेतड़ी क्षेत्र में गांधी फेलोशिप के तहत कार्य किया। उन्होंने बताया कि गांधी फेलोशिप ने उनके जीवन में प्रभावी परिवर्तन ला दिया, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में हाशिए के समाज को समझने में मदद मिली।
पीरामल फाउंडेशन की प्रतिनिधि अवनीत कौर ने पीरामल फाउंडेशन की गांधी फेलोशिप की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने फेलोशिप की अर्हता तथा फेलोशिप के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बारे बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत समाज में ग्रासरूट स्तर पर कल्याणकारी बदलाव लाया जा सकता है।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने महात्मा गांधी के विजन को साझा करते हुए कहा कि सामाजिक सरोकारों से जुड़ने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह फेलोशिप एक प्रभावी मंच है। राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन में करियर के लिए यह फेलोशिप लाभदायक रहेगी।
सीसीपीसी उप निदेशक डॉ. सुखविंदर सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों का सोशल सेक्टर में करियर बारे मार्गदर्शन करना है। कार्यक्रम का समन्वयन तथा मंच संचालन सहायक प्रोफेसर सुनित मुखर्जी ने किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को स्व-मूल्यांकन कर अपने पसंदीदा क्षेत्र में करियर हेतु तैयारियां करनी चाहिए। इस दौरान प्राध्यापक डॉ. नवीन कुमार, डा. ममता नरवाल, डा. प्रदीप कुमार, डा. निशा सहित शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे।