एएमआई का 65वां वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
35 देशों के 55 प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने माइक्रोबायोलॉजी से जुड़े बिंदुओं पर की चर्चा।
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि में एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट इंडिया (एएमआई) का 65वां वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। 'मानव कल्याण के लिए सूक्ष्म जीवों के परिप्रेक्ष्य' विषय पर इस चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन गुजवि, एएमआई व एकेडमी ऑफ माइक्रोबायोलॉजिकल साइंसिज (एएमएससी) के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
समापन समारोह में इंदिरा गांधी विवि मीरपुर के कुलपति प्रो. जे.पी. यादव ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई समारोह में मुख्य संरक्षक के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता केंद्रीय विवि हरियाणा, महेंद्रगढ़ के पूर्व कुलपति एवं एएमएससी के अध्यक्ष प्रो. आर.सी. कुहाड ने की। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर संरक्षक के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान डीन आर एंड डी प्रो. नीरज दिलबागी, सम्मेलन की संयोजक सचिव गुजवि की डीन इंटरनेशनल अफेयर्स एवं एएमआई की महासचिव प्रो. नमिता सिंह, सम्मेलन के संयोजक बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि प्रो. जे.पी. यादव ने कहा कि रोजमर्रा के जीवन में हम सूक्ष्मजीवों की उपयोगिता को देखते हैं। प्रोबाइटिक के रूप में बाजार में अनेकों उत्पाद उपलब्ध हैं। विद्यार्थी भी इस क्षेत्र में अपना उद्योग विकसित करके उद्यमी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने की समस्या को सूक्ष्मजीवों की मदद से बायो-डिकंपोजर प्रोसेस में गति लाकर कम किया जा सकता है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि सम्मेलन के विषय से मिलने वाले आइडिया एवं विशेषज्ञों के विचारों को परिणाम के रूप में समाज के लिए बाहर लेकर आएं, तभी ये सम्मेलन सही मायनों में सार्थक और उपयोगी होगा। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने सम्मेलन के विषय को वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। आयोजन सचिव प्रो. नमिता सिंह ने बताया कि सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, साउथ अफ्रीका, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया, आयरलैंड, डेनमार्क, हॉलैंड, यूएई, उज्बेकिस्तान इजराइल, चिल्ली, कुवैत सहित 35 देशों के 55 प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने भाग लिया। उन्होंने एएमआई की आम सभा की बैठक में हुए निर्णयों की घोषणा की।
सम्मेलन के संयोजक बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार ने कहा कि सम्मेलन में प्रतिभागियों को विषय से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से रूबरू होने का अवसर मिला तथा माइक्रोबायोलॉजी से जुड़े सभी बिंदुओं पर गहन चर्चा हुई। प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने स्वागत सम्बोधन किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में 125 लीड टॉक हुए, चार पोस्टर सत्र रहे। सम्मेलन में देश-विदेश से 750 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रो. नीरज दिलबागी ने धन्यवाद संबोधन किया। मंच संचालन डा. गीतू धवन एवं डा. जयदेव बिश्नोई ने किया।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे दिन आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रतिभागियों को हरियाणवी समूह नृत्य, भांगड़ा, सेमी-क्लासिकल नृत्य, गायन, साल्सा नृत्य आदि की पेशकश से भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंगों से रूबरू कराया गया।
डा. लिवलीन शुक्ला को प्रो.जी.एस. रंगास्वामी अवार्ड, डा. प्रकाशम रेड्डी शेटी को एसआर व्यास मेमोरियल अवार्ड, डा. नरोत्तम आचार्य एवं डा. गौतम घोष को एएमआई सोशिल कुमार जैन पेंसिया बायोटेक अवार्ड, डॉ. महेश गर्ग व डा. नमिता सिंह को एएमआई लुइस पाश्चर अवार्ड, डॉ. सोमनाथ दास व निर्जरा सिंघवी, डा. संदीप कुमार व डा. गौरव रूटेला को एएमआई यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इन विजेताओं को एमआई की ओर से साइटेशन, यात्रा भत्ता व 10000 रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रो. नमिता सिंह ने अपने अवार्ड में मिली 25000 रुपये की राशि एएमआई को ही डोनेट कर दी।
लक्की दूहन को डा. मनविका सहगल मेमोरियल बेस्ट पोस्टर अवार्ड से प्रमाण पत्र व 2000 रुपये नगद राशि तथा रेणुका शर्मा को डा. राना मेमोरियल बेस्ट पोस्टर अवार्ड से प्रमाण पत्र व 5000 रुपये नकद राशि से सम्मानित किया गया। डा. अंकित, बनदेप्पा एस., रचना अरविंद, कत्याल पी., अनुज राना, प्रफुला शेडे, भाग्यश्री बोरा, रश्मि भारद्वाज, अनुभा शर्मा, शिखा मेहता व ज्योति कॉरव की प्रस्तुतियां श्रेष्ठ रही और इन विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं 30000 रुपये के पुस्तक वाउचर से सम्मानित किया गया।
एएमआई पोस्टर प्रस्तुतियों में अनुश्री पातरा, डा. पारस सैनी, श्वेता सिन्हा, रमेश कुमार, पी. विजयसरा, कृतिका प्रसाद, रूमा रानी, श्रेया माहेश्वरी, कनिका, मनोज, राजलक्ष्मी श्रीधरन, तरूणा श्योरा व विनुथा तथा बेस्ट पोस्टर प्रस्तुतियों में शिबा प्रसाद कर, मेहा गौतम, हिमांशी बिलवल, जानू श्री सैनी, डा. पिनोकिन व सुगंधा आचेरा की प्रस्तुति श्रेष्ठ रही। श्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुतियों के विजेताओं को प्रमाण पत्र व 2500 रुपये की नकद राशि से सम्मानित किया गया।