समाचार विश्लेषण /अब कमला पान मसाला नहीं पसंद
-*कमलेश भारतीय
शुक्र है इस सदी के महानायक को अब कमला पान मसाला पसंद नहीं रहा । सभी तरफ से आलोचना होने के बाद अब बिग बी ने इसके पैसे तक लौटा दिये हैं और विज्ञापन में भी नहीं दिखेंगे । यह सूचना खुद अमिताभ बच्चन ने दी है । शुक्र है देर आयद , दुरूस्त आयद । बहुत आलोचना सहनी पड़ी करोड़पति के बिग बी को तब कहीं जाकर समझ आई कि कमला पान मसाले का विज्ञापन नयी पीढ़ी के लिए अच्छा नहीं और ये प्रतिबंधित है । सदी का महानायक इतना मासूम कि जानते ही नहीं कि कमला पान मसाला हो या कोई और पान मसाला ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक हैं । विभाग ने भी बिग बी को चेताया था लेकिन किस रौ में आकर रणबीर सिंह के साथ विज्ञापन कर लिया और फजीहत करवाई सो अलग ।
मुझे ऐसे समाचारपत्र में काम करने का सौभाग्य मिला जिसके संस्थापक दयाल सिंह मजीठिया ब्रह्म समाज से जुड़े थे और उन्होंने शराब ब पान सिगरेट के विज्ञापन न लेने का फैसला किया था जो आज तक लागू है । जहां बिग बी जैसे आदर्श को समाज की चिंता करनी चाहिए वहीं समाचारपत्र की भी भूमिका है कि नयी पीढ़ी को ऐसे विज्ञापनों से गुमराह न करे । याद दिला दूं आपको कि बैडमिंटन चैंपियन गोपीचंद फुलेला ने शराब के विज्ञापन को इंकार कर दिया था । इसे कहते हैं आदर्श । ऐसे ही खिलाड़ी होने चाहिएं न कि हर किसी विज्ञापन से पैसा कमाना इनका उद्देश्य होना चाहिए । चाहे फिल्मी सितारे हैं या फिर खिलाड़ी युवा पीढ़ी के ये आदर्श होते हैं और उन जैसा ही बनना चाहते हैं । रजनीकांत की सिगरेट जलाने की स्टाइल कितने युवकों ने अपनाई ? खुद प्राण कितनी तरह से अलग अलग किरदार निभाते थे । इसके बाबजूद सामाजिक जिम्मेवारी भी कोई चीज़ है । नशों के विरूद्ध अभियान में फिल्मी सितारों को शामिल होना चाहिए और होते भी हैं तो कम से कम पानी मसाले , शराब या सिगरेट के विज्ञापन से भी दूर रहना चाहिए ।
शुक्र है बिग बी ने विज्ञापन वापिस लेने को कह दिया और पैसे भी लौटा दिये । सदी के महानायक से भविष्य में भी ऐसी ही उम्मीद है कि ऐसे विज्ञापनों से दूरी बनाये रखेंगे । सबसे ज्यादा शर्मिंदा किया पहलवान सुशील कुमार ने जिसने पहलवानी को गलत कामों के लिए उपयोग करना शुरू किया और हश्र भी वैसा ही हुआ ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।