एमडीयू में एनीमिया मुक्त पोषण युक्त कैंपस अभियान शुरू

दो दिन चलने वाले इस अभियान में होगी लगभग 7500 छात्राओं/शिक्षिकाओं/कर्मियों/महिलाओं की जांच।

एमडीयू में एनीमिया मुक्त पोषण युक्त कैंपस अभियान शुरू

रोहतक, गिरीश सैनी। एनीमिया के प्रति जागरूकता फैलाने तथा इसके प्रभावी इलाज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमडीयू में सोमवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में एनीमिया मुक्त पोषण युक्त कैंपस अभियान का शुभारंभ हुआ। एनीमिया उन्मूलन को समर्पित इस महाअभियान में एमडीयू के साथ स्वास्थ्य विभाग, पं. बीडीएस स्वास्थ्य विज्ञान विवि तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एकजुट होकर समाज को एनीमिया मुक्त करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

 
एमडीयू के इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ साइंसेज तथा छात्र कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में चिकित्सकों की 17 टीमें विवि की लगभग 7500 छात्राओं, महिला शिक्षकों, महिला कर्मियों व कैंपस में रहने वाले महिला समुदाय के रक्त की जांच करेंगी। गर्ल्स हास्टल के बाद राधाकृष्णन सभागार में एनीमिया मुक्त पोषण युक्त कैंपस अभियान बारे विद्यार्थियों को जागरूक किया गया।


भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर तथा पं. बीडीएस स्वास्थ्य विज्ञान विवि के कुलपति प्रो. एच.के. अग्रवाल ने कन्या छात्रावास परिसर में भागीरथी गर्ल्स हास्टल में- एनीमिया मुक्त पोषण युक्त कैंपस अभियान का उद्घाटन किया। एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा सीएमओ डा. रमेश चन्द्र आर्य व आईएमए अध्यक्ष डा. आरती साहू ने बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की।


मुख्यातिथि डा. शरणजीत कौर ने कहा कि स्वस्थ भविष्य, स्वस्थ समाज और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए स्वास्थ्य बारे जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एनीमिया से मुक्ति के लिए प्रभावित लोगों को सही जानकारी और उपचार उपलब्ध कराना आवश्यक है।

 

पं. बीडीएस स्वास्थ्य विज्ञान विवि के कुलपति प्रो. एच.के. अग्रवाल ने कहा कि एमडीयू ने एनीमिया मुक्त पोषण युक्त कैंपस अभियान के जरिए सामाजिक चेतना एवं स्वास्थ्य का बड़ा बेड़ा उठाया है। उन्होंने इस अभियान से जुड़ी छात्राओं को एनीमिया बारे जागरूकता का ब्रांड एंबेसडर बनने और स्वस्थ एवं विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया।


विशिष्ट अतिथि सीएमओ डा. रमेश चन्द्र आर्य ने एनीमिया मुक्ति के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस अभियान में हरसंभव सहयोग देगा। उन्होंने इस अभियान को गांवों तक ले जाने का आह्वान किया। आईएमए अध्यक्ष डा. आरती साहू ने कहा कि इस अभियान के सकारात्मक परिणाम आएंगे और समाज में स्वास्थ्य जागरूकता की लौ जलेगी।


कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य ही स्वस्थ समाज एवं राष्ट्र का आधार है। उन्होंने कहा कि एनीमिया मुक्त पोषण युक्त कैंपस अभियान में प्रथम चरण में एमडीयू समुदाय को जोड़ा जाएगा। जिसके तहत कैंपस की लगभग 5400 छात्राओं,यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल के लगभग 500 विद्यार्थियों तथा महिला शिक्षकों, महिला कर्मियों तथा कैंपस में रह रहे महिला समुदाय की रक्त की जांच की जाएगी। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग तथा काएनोस अस्पताल की 17 टीमें रक्त जांच करेंगी। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल रक्त जांच तक सीमित नहीं रहेगा। रक्त जांच के परिणाम के अनुसार जरूरी उपचार, परामर्श एवं ट्रेकिंग भी की जाएगी। कुलपति ने कहा कि दूसरे चरण में पलवल-होडल से लेकर सोनीपत एनसीआर तक एमडीयू से संबद्ध 249 महाविद्यालयों के लगभग 2 लाख विद्यार्थियों को भी इस अभियान से जोडक़र इसे महाअभियान बनाने का कार्य किया जाएगा।

 

इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ साइंसेज के निदेशक प्रो. मुनीष गर्ग ने प्रारंभ में इस अभियान की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत डॉक्टरों की 13 टीमों ने गर्ल्स हास्टलों में, दो टीमों ने यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल तथा एक-एक टीम ने स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर और विवेकानंद लाइब्रेरी में छात्राओं के रक्त की जांच की। कुलसचिव डा. कृष्णकांत ने आभार प्रदर्शन किया। सीसीपीसी निदेशिका प्रो. दिव्या मल्हान ने मंच संचालन किया। निदेशक युवा कल्याण डा. प्रताप राठी ने समन्वयन सहयोग दिया।


इस अभियान के उद्घाटन सत्र में डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, कुलसचिव डा. कृष्णकांत, परीक्षा नियंत्रक प्रो. गुलशन लाल तनेजा, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, डीन सीडीसी प्रो. विनीता हुड्डा, चीफ वार्डन गर्ल्स प्रो. सपना गर्ग, डिप्टी चीफ वार्डन गर्ल्स प्रो. प्रतिमा देवी, चीफ वार्डन बॉयज प्रो. सत्यवान बरोदा, फार्मेसी विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक कौशिक, वाईआरसी कोऑर्डिनेटर प्रो. अंजू धीमान, एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. सविता राठी सहित विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, गैर शिक्षक कर्मी, हास्टल वार्डन, सुपरवाइजर, स्टाफ एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।