अनिल जोशी ने किसान संगठनों पर ही कर दिया वार
एस के शौरी
खन्ना, 18 अक्तूबर: भाजपा से निष्कासित होने के बाद शिअद में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने सोमवार को किसान संगठनों पर ही वार कर दिया।
आज खन्ना दौरे के दौरान पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने कहा कि इस तरह के रोज-रोज के बंद और जाम से किसान आंदोलन अपना जनाधार गंवा देगा। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
राजनैतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि आने वाले दिनों मे शिरोमणि अकाली दल की यह अधिकारिक लाइन हो सकती है।क्योंकि अनिल जोशी शिरोमणि अकाली दल के वाईस प्रेजिडेंट भी है।इसके साथ ही अमृतसर की एक सीट अकाली दल ने जोशी को अपनी प्रत्याशी भी घोषित किया हुआ है।
गौरतलब है कि अनिल जोशी किसानी के मुद्दे पर ही भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खुलकर बोले थे और इसी कारण पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे।
अनिल जोशी ने कहा कि किसान आंदोलन को पंजाब के लोगों ने साथ देकर सफल बनाया। खुद उन्हें इसी मुद्दे के चलते पार्टी से निकाला गया। लेकिन, अगर इस तरह से रोज बंद और सड़क-रेल जाम होंगे तो लोग साथ देना बंद कर देंगे। बंद और जाम से पंजाब के लोगों के व्यापार का नुकसान हो रहा है। लोगों के जरूरी काम रुक रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं पर हमले से अराजकता फैलती है। ऐसी प्रवृति को रोकना चाहिए। हर किसी का घेराव करने की रणनीति ठीक नहीं। कई नए छोटे संगठन बन गए हैं। ऐसे में कई दुकानदारी भी कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा इस तरफ भी ध्यान दे।
जोशी ने दिल्ली बार्डर पर निहंगों की ओर से तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या करने को निंदनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज और किसी धर्म में ऐसे जघन्य अपराध को जायज नहीं ठहरा सकते। अभी तक बेअदबी के कोई सबूत भी नहीं मिले हैं। कांग्रेस केवल वोट की राजनीति के कारण इस मुद्दे पर चुप है। मामले की हर एंगल से जांच होनी चाहिए।
जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार को भी कृषि कानूनों के मुद्दे पर अपनी जिद छोड़नी चाहिए। उन्हें कानून को या तो वापस लेना चाहिए या फिर कोई हल निकालना चाहिए। आंदोलन में कई किसानों की जान जा चुकी है।