दुनिया की खूबसूरती पशु-पक्षियों से, इन्हें प्यार दीजिए
जो शख्स पशुओं के साथ क्रूरता करता है, वह मनुष्यों के लिए भी घातक हो सकता है।
सभी जीव-जंतु ईश्वर के बनाए हुए हैं। सभी जीवों को दया चाहिए। सभी जानवर दया के पात्र हैं, चाहे वे कैसे भी दिखते हों। दया और प्रेम से ही जीवन बेहतर होता है। दिल में प्रेम और दया की भावना रखिए, फिर आपको खुद-ब-खुद समझ आता जायेगा कि कैसे अपने आसपास के जीव-जंतुओं को बेहतर महसूस कराया जा सकता है। बेघर डॉग्स और पक्षियों के लिए घर के बाहर पानी से भरे बर्तन रखें। भूखे जीव-जंतुओं को भोजन दें। मनोरंजन या पर्यटन की ऐसी गतिविधियों का बहिष्कार करें, जिनमें पशुओं का शोषण होता हो। कहीं भी पशुओं के साथ दुर्व्यवहार होता देखें, तो विरोध करें, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करें और पुलिस में रिपोर्ट करें। सोशल मीडिया पर पशु अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाएं। जागरूकता पैदा करने वाली सामग्री पोस्ट करें। अपने पालतू डॉग के लिए खिलौने ला सकते हैं। उन्हें टहलाने ले जायें। जानवरों से बात करें, उन्हें प्रेम से सहलाएं, गले लगाएं, थपथपाएं। यदि आपके पास पैट न हो, तो पड़ोसी के पैट के साथ प्रेम का व्यवहार कर सकते हैं। जानवर खुश रहेंगे तो हम-आप भी खुश रहेंगे।
किताबों, डॉक्युमेंटरी या गूगल के जरिए जानवरों के बारे में जानकारी बढ़ाएं। राह चलते किसी घायल वन्यजीव की मदद के लिए अपने वाहन में मेडिकल किट लेकर चलें। शाकाहारी भोजन करें। ऐसे वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन या वस्तुएं न खरीदें जो पशुओं पर अत्याचार या परीक्षण से बनी हों। क्षेत्रीय सांसद या अखबार को पशु कल्याण के बारे में ईमेल या पत्र लिखें। जीव-जंतुओं या मधुमक्खियों को उचित वातावरण प्रदान करने के लिए अपने आसपास हर्बल या फूलों के पौधे लगाएं। किसी पशु अधिकार आंदोलन में हिस्सा लें। जीव-जंतुओं की मदद हेतु समुद्र तट, पार्क या झील की सफाई में भाग लें। जरूरतमंद डॉग या पैट को गोद लें, उसकी देखभाल करें। जंगल, वनस्पतियों और जीवों की परवाह करने के लिए बचपन से ही जानवरों के प्रति प्रेम पैदा करने की जरूरत है। बच्चों को पक्षियों, तितलियों और जानवरों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्राकृतिक गतिविधियों में शरीक किया जा सकता है। अभी पशु संरक्षण की योजनाएं सिर्फ बड़े और करिश्माई जानवरों, जैसे कि हाथी, बाघ, शेर और ज़ेबरा आदि लिए ही बनाई जाती हैं, जो पक्षपातपूर्ण रवैया है। इनमें छोटे व साधारण जीवों की चिंता शामिल नहीं रहती। दवा या रोगों संबंधी प्रयोगों के लिए भी जीवित जानवरों की जगह उनकी कोशिकाओं से प्रयोग किए जा सकते हैं।
जो शख्स पशुओं के साथ क्रूरता करता है, वह मनुष्यों के लिए भी घातक हो सकता है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा कहते हैं कि "खेल के लिए, आनंद के लिए, रोमांच के लिए और खाल अथवा फर के लिए जानवरों को मारना एक घृणित और परेशान करने वाला काम है। क्रूरता के ऐसे कृत्यों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।" हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर का कहना है कि "पृथ्वी के संरक्षक के रूप में, सभी प्रजातियों के साथ दया, प्रेम और करुणा के साथ व्यवहार करना हमारी ज़िम्मेदारी है। इन जानवरों के प्रति क्रूरता समझ से परे है। इस पागलपन को रोकने में मदद करिए।" जानवरों के प्रति प्रेम, देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शरीक होना चाहिए, ताकि पशुओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)