समाचार विश्लेषण/अन्ना हजारे जी, कहां थे अब तक?
-*कमलेश भारतीय
एक समय अन्ना हजारे के जनांदोलन ने कांग्रेस सरकार की चूलें हिलाकर रख दी थीं और तब अरविंद केजरीवाल , किरण बेदी , स्वामी अग्निवेश , मनीष सिसोदिया सहित न जाने कितने सामाजिक कार्यकर्त्ताआपके साथ थे । किसी भी राजनेता को आंदोलन के मंच पर भाषण नहीं करने दिया जाता था । कितने ऊंचे आदर्श ! फिर अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाने का फैसला किया तब अन्ना हजारे ने विरोध जताया कि मेरी फोटो का इस्तेमाल न करें । इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तीन तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को हराया और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई । अब तीसरी बार सरकार बना कर हैट्रिक लगा चुके हैं अरविंद केजरीवाल । कांग्रेस का तो दो विधानसभा चुनावों में सूपड़ा साफ रहा तो भाजपा का मोदी मैजिक भी दिल्ली में नहीं चल पाया । पिछली बार भी अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराने की भरपूर कोशिश की गयी लेकिन सफलता नहीं मिली । इस बार भी कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही । उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का इल्जाम है कि मुझे मुख्यमंत्री बनाये जाने की ऑफर दी गयी । जब साफ मना कर दिया तब आई सीबीआई मेरी जांच के लिए । मेरे बैंक खाते तक खंगाल लिये लेकिन मिला कुछ नहीं । अरविंद केजरीवाल का कहना है कि फिर भी मनीष सिसोदिया को राजनीतिक दबाब के चलते हफ्ते दस दिन तक गिरफ्तार किया जा सकता है । यही नहीं भाजपा पर यह आरोप भी लगाया है कि आप सरकार को गिराने के लिए मिशन लोट्स चलाया गया जिसमें आठ सौ करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे लेकिन सफलता नहीं मिली । पहले महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को गिराने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होने की बात उड़ती रही है और अब आप सरकार को गिरने की कीमत भी सामने आ रही है । राजस्थान सरकार को गिराने में भी कोई कभी तो नहीं छोड़ी गयी थी । इन सारे घटनाक्रमों को देखते हुए कभी हमारे परम आदरणीय सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हजारे जी ने न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और न ही गृहमंत्री अमित शाह को कोई चिट्ठी लिखी । जब लखीमपुर खीरी में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे ने कथित तौर पर आठ लोगों पर छाप चढ़ाई और बलि ले ली तब भी आप जरा भी आभत नहीं हुए । जब बीभार सोनिया गांधी को ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया तब भी आपको कुछ गलत नहीं लगा । इन घटनाक्रमों से जरा भी दुखी नहीं हुए हमारे नये युग के गांधी अन्ना हजारे जी । रालेगण सिद्धि में आराम से जीवन बिताते रहे । अब एकदम से अरविंद केजरीवाल के नाम खत लिखकर आबकारी नीति की आलोचना कर रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि केजरीवाल अपने आदर्शों से पीछे हटते जा रहे हैं जबकि स्वराज पुस्तक में शराबबंदी का समर्थन किया है । क्या भाजपा शासित राज्यों को भी आबकारी नीति पर कुछ कहेंगे अन्ना जी आप ? क्या प्रधानमंत्री या भाजपा को सरकारें गिराने के अलोकतांत्रिक तरीकों पर कभी फटकार लगायेंगे ? ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल अपने गुरु को सही पहचानते हैं और इसीलिए साफ शब्दों में कह दिया कि भाजपा अन्ना का इस्तेमाल कर रही है । वैसे याद दिला दूं कि जिन दिनों कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन चलाया था तब भी अन्ना हजारे जी पर यही आरोप सुनने को मिलता रहा लेकिन तब लोग कांग्रेस शासन व नीतियों से बुरी तरह परेशान हो चुके थे और अन्ना हजारे के आंदोलन को भरपूर साथ दिया । अब जिस हालत में अन्ना जी ने एन्ट्री ली है वह सचमुच संदेह के दायरे में है । अन्ना जी ! आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भी एक चिट्ठी लिखिए और लोकतांत्रिक राह पर चलने की याद दिलाइए जिससे अमृत महोत्सव की गरिमा बनी रहे । उम्मीद है आप कुछ और मुद्दों पर समय-समय पर चिट्ठियां लिखते रहेंगे । कोई तो चाहिए कान खींचने के लिए सरकारों के ! आपने अरविंद केजरीवाल को जैसे चेताया ऐसे ही सबको सावधान करते रहिए ।
इधर से गुजर रहा था
सोचा अन्ना जी की सलाम करता चलूं ...मेरा प्रणाम आपको
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।