समाचार विश्लेषण/टू जी स्पेक्ट्रम और जीजा जी पर माफी?
-*कमलेश भारतीय
आपको याद होगा जब हमारे अब के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टू जी , थ्री जी और जीजा जी मज़े मज़े में कहते कांग्रेस के मज़े ले रहे थे और कांग्रेस पर बड़े बड़े घोटालों को लेकर हमले कर रहे थे । अब उसी टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को लेकर किए गये दावे पर पूर्व सांसद संजय निरूपम से पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सी ए जी ) विनोद राय ने माफी मांग ली है । संजय निरूपम ने कहा कि कांग्रेस यानी यूपीए सरकार को बदनाम करने और एक मजबूत अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के 'षडयंत्र' में राय एक मुख्य कठपुतली थे और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए । इस बात को आगे बढ़ाते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि इस साजिश की अन्य 'कठपुतलियोंं' यानी अरविंद केजरीवाल , किरण बेदी, बाबा रामदेव और वीके सिंह को भी माफी मांगनी चाहिए ।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मनमोहन सरकार को बदनाम करने का एक आपराधिक षडयंत्र था , जिससे धीरे धीरे पर्दा उठ रहा है । विनोद राय ने बिना शर्त संजय निरूपम से माफी मांग ली है ।
जो बड़ी बड़ी राशि के घोटाले बता कर देश भर में सनसनी फैलाई गयी उसी के चलते लोग कांग्रेस से एकदम दूर हो गये । हजारों हजारों करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम घोटाले सुनकर तो सबकी आंखें खुली की खुली रह गयीं लेकिन अब विनोद राय की माफी कहती है कि खुद घोटाला करवाया गया यानी बयान दिलवाया गया ।
दिल्ली में अन्ना हज़ारे का आंदोलन भी आज एक षडयंत्र जैसा लगता है क्योंकि अब किसान आंदोलन पर अन्ना जैसे समाजसेवी खामोश क्यों हैं ? श्री श्री रविशंकर राम मंदिर के लिए तो भागे भागे जाते रहे लेकिन किसान की कोई फिक्र नहीं ? उनकी मध्यस्थता क्यों करने नहीं दौड़ते? बाबा रामदेव के अपने पतंजलि स्टोर तक को किसान आंदोलन में विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन अब वे खामोश क्यों हैं ?
स्पेक्ट्रम हो या टू जी , थ्री जी या जीजा जी क्या सारे घोटाले प्रायोजित थे ? यदि प्रायोजित नहीं थे तो अभी तक कोई निष्कर्ष क्यों सामने नहीं आया ? बोफ़ोर्स घोटाले का भी शोर कम नहीं मचा लेकिन वहां भी खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाली बात ही हुई । ऊपर से प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि भाजपा कहीं नहीं जाने वाली । यह भी प्रायोजित बयान तो नहीं? सोचने की बात है ....
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।