समाचार विश्लेषण/आदमपुर के बाद तू तू , मैं मैं !
-*कमलेश भारतीय
आदमपुर चुनाव परिणाम के बाद सभी राजनीतिक दलों में कही सुनी व आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है । यानी सीधी सीधी भाषा में तू तू , मैं मैं का दौर ! यह स्वाभाविक भी है । परिणाम के बाद अंदर बाहर सब जगह कहा सुनी चलती है । भाजपा जजपा नेता कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साध रहे हैं तो पार्टी के अंदर तो जैसे पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सैलजा तैयार ही बैठी थी कि परिणाम आये और वे आलोचना करें । वे कह रही हैं कि उपचुनाव से पार्टी को सीख लेनी होगी । आदमपुर में मिली हार की समीक्षा की जायेगी । सैलजा के अनुसार नतीजा निराशाजनक है । कृष्णमूर्ति हुड्डा को भी मौका मिला आलोचना का । मुख्यमन्त्री मनोहर लाल खट्टर सहित भाजपा नेता इसे अपनी रणनीति की जीत करार रहे हैं तो जजपा से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कह रहे हैं कि यह गठबंधन की जीत है । समुद्र कभी एक बाल्टी से नहीं भरा करते । आप पार्टी में भी काफी गुस्सा व नाराजगी है सतेद्र के प्रदर्शन से । सुशील गुप्ता जो प्रभारी हैं , जल्द ही समीक्षा बैठक बुलाने वाले हैं लेकिन वे खुद भी तो डेरा डाले आदमपुर बैठे रहे थे ! सब आंखों देखा हाल इनके सामने था । जब सिर्फ यूट्यूबर्ज के बल पर प्रचार हो रहा था । सिर्फ से पूछे जा रहे थे कुलदीप से ।
सबसे मजेदार टिप्पणी सामने आई है चौ बीरेन्द्र सिंह की , जो कह रहे है कि भाजपा जजपा गठबंधन अगले विधानसभा से पहले टूट जायेगा । अब यह भविष्यवाणी कितनी सच्ची होगी और कितनी झूठी , समय ही बतायेगा । इतना जरूर है कि भाजपा में शामिल कुलदीप बिश्नोई की डील का अगला कदम लोकसभा चुनाव में हिसार से टिकट मांगी गयी है । वर्तमान सांसद बृजेंद्र सिंह उनके बेटे का राजनीतिक भविष्य क्या होगा ? उन्हें कहां से टिकट मिलेगी ? यह बहुत बड़ी पहेली है ।
कुलदीप बिश्नोई ने अपने निशाने पर श्री हुड्डा को लेते हुए कहा कि फ्री हैंड मिलने के बाद वे दो बार हार चुके हैं । पहले राज्यसभा सीट और अब आदमपुर विधानसभा चुनाव ।
श्री हुड्डा ने जवाब में कहा कि आदमपुर में जीत का अन्तर मात्र पंद्रह हजार ही रह गया । कुलदीप का वोट आधा घट गया । दूसरे भाजपा नेताओं से पूछा कि कृष्णलाल गुर्जर और राव इंद्रजीत चुनाव प्रचार पर क्यों नहीं आये ? सभी सब जगह प्रचार करने नही आते । इस तरह उन्होंने भाजपा की गुटबाजी की ओर इशारा कर दिया । जीत में सब कमियां छिप जाती हैं । अभय चौटाला भी हार की समीक्षा करेंगे ।
इस तरह यह परिणाम अभी कुछ दिन एक दूसरे पर छींटाकशी का अवसर प्रदान करता रहेगा अंर मजेदार बातें सामने आती रहेंगीं ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।