कला न केवल सृजनशीलता का सशक्त माध्यम है, बल्कि जीवन में खुशियों का संचार भी करता है: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
एमडीयू में तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी रंग सृजन प्रारंभ।
रोहतक, गिरीश सैनी (ऋषि की आवाज ब्यूरो)। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग के तत्वावधान में कला प्रदर्शनी रंग सृजन मंगलवार को टैगोर सभागार में प्रारंभ हुई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि कला गहन साधना है। कला न केवल सृजनशीलता का सशक्त माध्यम है, बल्कि जीवन में खुशियों का संचार भी करता है। विश्वविद्यालय में दृश्य कला को प्रोत्साहन देने के लिए दृश्य कला-वीथिका (गैलरी) तथा कला-संग्रहालय स्थापित करने की मंशा कुलपति ने जाहिर की। कला रूचिकर कक्षाएं प्रारंभ करने, आर्ट्स क्लब स्थापित करने तथा ग्रीष्मकालीन अवकाश में कला शिविर- समर स्कूल संचालित करने की घोषणा कुलपति ने की। प्रो. राजबीर सिंह ने इस बेहतरीन कला प्रदर्शनी के लिए दृश्य कला विभाग को बधाई दी।
कला प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर ने कहा कि कला के जरिए सकारात्मक सामाजिक बदलाव का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कला को सामाजिक सरोकारों से जोड़ें। दृश्य कला विभागाध्यक्ष संजय कुमार ने इस कला प्रदर्शनी के उद्देश्य तथा प्रदर्शनी में प्रदर्शित कलात्मक अभिव्यक्ति की जानकारी दी। उन्होंने आभार प्रदर्शन भी किया।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने जीवन में कला के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दृश्य कला जीवन में विविध रंग भरने का कार्य करता है। उद्घाटन सत्र में संचालन निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, डा. शरणजीत कौर समेत सभी उपस्थित जन ने कला प्रदर्शनी का कला अवलोकन किया। कला प्रदर्शनी में प्रकृति चित्रण, लैंड स्केप, पोट्रेट, प्रिंट वर्क, अमूर्त कला, प्रयोगधर्मी कलाकृत्ति समेत कला के विविध रूपों की कृत्तियां प्रदर्शित की गई है। अंगदान को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से हृदय संबंधित स्ट्रक्चर वर्क को भी प्रदर्शित किया गया है।
इस दौरान विजुअल आर्ट्स विभाग के प्राध्यापक डा. अंजलि दूहन, डा. राजेश समेत विभाग के शोधार्थी-विद्यार्थी, डीएलसी सुपवा के कला प्राध्यापक, विद्यार्थी, एमडीयू के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, गैर शिक्षक कर्मी, कला प्रेमी नागरिक मौजूद रहे। यह कला प्रदर्शनी 11 अप्रैल तक जारी रहेगी।