कृत्रिम बौद्धिकता से मानव कौशल की कद्र और अधिक बढ़ेगीः सीए चरनजोत सिंह
जीजेयू में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ।

हिसार, गिरीश सैनी। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंटस ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के अध्यक्ष सीए चरनजोत सिंह ने कहा है कि तकनीक ने पूरी दुनिया में भारत की साख बढ़ाई है। दुनिया के अधिकतर देशों में भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ अपना लोहा मनवा रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर बेवजह का डर फैलाया जा रहा है, जबकि एआई से मानव कौशल की कद्र और अधिक बढ़ेगी। सीए चरनजोत सिंह गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के वाणिज्य विभाग के सौजन्य से 'सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं एनालिटिक्स, ग्रीन प्रैक्टिसेस एवं एंटरप्रेन्योरशिप तथा मैनेजमेंट (स्टेज -2025) विषय पर शुरू हुई दो दिवसीय प्रथम अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। इंडो गल्फ मैनेजमेंट एसोसिएशन, यूएई के अध्यक्ष डा. मोहन लाल अग्रवाल संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। संगोष्ठी का आयोजन इंडो-गल्फ मैनेजमेंट एसोसिएशन, दुबई और जगन्नाथ इंटरनेशनल मैनेजमेंट स्कूल (जिम्स), नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है।
सीए चरनजोत सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व में तेल और सोने से भी अधिक डाटा का महत्व है। उन्होंने अपने कौशल को बेहतर करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उद्यमिता भारतीयों की रगों में है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि वर्तमान दौर में तकनीक तेजी से नया आकार ले रही है। ऐसे में सततता के सिद्धांत और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम शिक्षा को केवल रोजगार पाने के लिए नहीं, बल्कि समाज व राष्ट्र में सकारात्मक बदलावों के लिए प्रयोग करें।
दुबई से ऑनलाइन संबोधन में मुख्य वक्ता डा. मोहन अग्रवाल ने कृत्रिम बौद्धिकता एवं तकनीकी विकास के युग में मानवीय संवेदनाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन परम्पराओं में विकास, पर्यावरण संरक्षण तथा मानवीय संवेदनाओं का शानदार समावेश था।
संयोजक डा. निधि तुरान ने स्वागत सम्बोधन किया और बताया कि संगोष्ठी में देश-विदेश से 150 डेलीगेट्स भाग ले रहे हैं। संगोष्ठी में 14 तकनीकी सत्र होंगे।
आयोजन सचिव डा. मोनिका ने धन्यवाद सम्बोधन किया। उद्घाटन समरोह में 35 श्रेष्ठ शोध पत्रों से संकलित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। उद्घाटन समारोह से पूर्व पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि भी दी गई। इस दौरान आईसीएआई से संबंधित एक डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।