मेघनाद, कुंभकर्ण एवं अहिरावण वध का सजीव मंचन किया कलाकारों ने
आंखों से आग के शोले बरसाएंगे रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले।
रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय पुरानी आईटीआई मैदान में श्री रामलीला उत्सव कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव एवं दशहरा मेला के नौवें दिन कलाकारों ने मेघनाद, कुंभकर्ण एवं अहिरावण वध का सजीव मंचन किया।
शुक्रवार को महोत्सव का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि समाजसेवी-उद्योगपति विजय पाल बंसल, सुरेश बंसल, बृजभूषण बंसल व भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय बंसल ने किया। इस दौरान उत्सव कमेटी के मुख्य संरक्षक समाजसेवी राजेश जैन तथा पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने भगवान राम की संगीतमय महाआरती की। तदुपरांत आकाश में धूमकेतु तारा छोड़ा गया। मंच संचालन सतीश भारद्वाज व विजय गुप्ता ने किया। आयोजन कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा सभी अतिथियों को मोतियों की माला, बैज, पटका, शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रधान सुभाष तायल, शंकर लाल मित्तल, राजीव जैन, रामकुमार पांचाल, सन्नी निझावन, शीतल सहित अन्य मौजूद रहे।
शुक्रवार के मंचन में मेघनाथ-कुंभकर्ण वध प्रस्तुत किया गया। रावण को पता लगने पर वह अपने भाई कुंभकर्ण को जगाकर बताता है कि राम-लक्ष्मण ने यहां पंचवटी में आकर हमारी बहन सूर्पणखा की नाक काट दी और बदले में मैंने राम की पत्नी सीता का हरण कर लिया। उसके बाद युद्ध छिड़ गया और हमारे यौद्धा मारे गए। कुंभकर्ण कहने लगे कि भाई रावण, ये अच्छा नहीं किया। रावण ने कहा कि अब तो जो कुछ हो गया, उस तरफ न जाइए और युद्ध के लिए आप तैयार हो जाइए। कुंभकर्ण युद्ध में जाता है और राम के हाथों मारा जाता है। रावण उसके बाद अहिरावण के पास जाता है और अहिरावण राम-लक्ष्मण को देवी की बलि चढ़ाने के लिए ले जाता है। जब हनुमान को पता लगता है तो वह पाताल लोक में जाकर अहिरावण को मार देते हैं। अंत में रावण अपने पुत्र मेघनाथ को भेजता है। मेघनाथ युद्ध में लक्ष्मण से लड़ता है और उनके हाथों मारा जाता है।
200 फुट के रावण का दहन आज।
पुरानी आईटीआई मैदान में शनिवार को सांय 6 बजे दशहरा उत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान 200 फुट के रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले गर्दन घुमा कर आंखों से आग के शोले बरसाएंगे। दस मुखी रावण का पुतला दहन के उपरांत रात्रि 8.00 बजे से प्रसिद्ध फिल्मी कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।