रामायण मंचन के बीच कलाकारों की रामायण
हिसार में सबसे पुरानी रामलीला कमेटी की ओर से पुराना गवर्नमेंट काॅलेज मैदान में जहां व्यावसायिक कलाकारों की ओर से रामायण मंचन किया जा रहा है और विद्युत काॅलेनी सहित अनेक जगह रामलीला मंचन प्रतिदिन हो रहा है ।
-कमलेश भारतीय
हिसार में सबसे पुरानी रामलीला कमेटी की ओर से पुराना गवर्नमेंट काॅलेज मैदान में जहां व्यावसायिक कलाकारों की ओर से रामायण मंचन किया जा रहा है और विद्युत काॅलेनी सहित अनेक जगह रामलीला मंचन प्रतिदिन हो रहा है । वहीं जिंदल ज्ञान केंद्र के ओपन थियेटर में अभिनय रंगमंच की ओर से मनीष जोशी के निर्देशन में उर्दू रामायण का मंचन रंगकर्मियों द्वारा किया जा रहा है । इस रामायण का आधार टोहाना के यशवंत सिंह द्वारा लिखित उर्दू रामायण है । यह दो अक्तूबर को शुरु हुई थी और आज शाम संपन्न हो जायेगी । मनीष जोशी ऐसे रंगकर्मी हैं जो हिसार में निरंतर थियेटर को विकसित कर रहे हैं । आठ दिवसीय थियेटर फेस्टिवल भी हर वर्ष आयोजित करते हैं और इंडिया टुडे के बीस अनूठे रंगकर्मियों में भी जगह बनाई ।
जिंदल ज्ञान केंद्र में लगभग दो घंटे में ही पूरी रामायण मंचित की जाती है । रामजन्म से लेकर राक्षसों का वध , सीता स्वयंवर , वनवास का आदेश और दशरथ का विलाप , मंथरा की चालाकी , भरत का त्याग , शूर्पनखा की नाक कटने और रावण द्वारा सीता का हरण , जटायु का संघर्ष , विभीषण का राम के साथ मिलना , रावण का हठ और हनुमान द्वारा लंका जला डालना , संजीवनी पर्वत ही उठा लाना , मेघनाद , कुम्भकर्ण और रावण का बारी बारी मृत्यु को प्राप्त करना । सीता की अग्निपरीक्षा और अंत में राम को राजतिलक सब दृश्य टी 20 क्रिकेट की तरह इन दो घंटों में ही दिखाने में मनीष जोशी को सफलता मिली है । कल रात हिसार रेंज के आईजी राकेश कुमार आर्य मुख्यातिथि रहे और उन्होने इसे खूब सराहा ।
रामनारायण गर्ग ने राजा दशरथ और वैद का रोल किया तो राजविद्र कौर ने मंथरा और शूर्पनखा के रोल किये । राखी जोशी पहली बार कैकयी के नेगेटिव रोल में दिखीं । नृत्य निर्देशन भी किया । सीता के रोल में स्नेहा बिश्नोई , हनुमान के पात्र में आशुतोष , ताड़का के रूप में शुभम , रावण के पात्र में अतुल और विशाल , राम के रोल में दीपक ने अपने अपने पात्रों को बखूबी निभाया । मधुर भाटिया ने लक्ष्मण के रोल के साथ साथ सह निर्देशन भी किया । निपुण ने लाइट्स संभाली तो कबीर दहिया ने मंच संचालन किया । इस रामायण को आज अंतिम दिन भी देखा जा सकता है ।