जब तक व्यक्ति की अभिव्यक्ति करने की इच्छा रहेगी, तब तक मीडिया भी रहेगाः हितेश शंकर

जीजेयू में 'सूचना की शुचिता और राष्ट्र निर्माण' पर परिसंवाद आयोजित।

जब तक व्यक्ति की अभिव्यक्ति करने की इच्छा रहेगी, तब तक मीडिया भी रहेगाः हितेश शंकर

हिसार, गिरीश सैनी। प्रतिष्ठित पत्रिका पाञ्चजन्य, दिल्ली के संपादक हितेश शंकर ने कहा है कि जब तक व्यक्ति की अभिव्यक्त करने की इच्छा रहेगी, तब तक मीडिया भी रहेगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ मुद्दों को लेकर कटुता का खेल खेला जा रहा है और नेरेटिव वार लड़ा जा रहा है। इस खेल की विरूद्ध नई पहल करने की जरूरत है।  

पाञ्चजन्य संपादक हितेश शंकर गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के छात्र कल्याण विभाग के सौजन्य से 'सूचना की शुचिता और राष्ट्र निर्माण' विषय पर आयोजित एक दिवसीय परिसंवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। डीडी न्यूज, दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार संपादक अशोक श्रीवास्तव मुख्य वक्ता, कुलसचिव डा. विजय कुमार एवं संसद टीवी, दिल्ली के वरिष्ठ एंकर डा. मनोज वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

मुख्यातिथि हितेश शंकर ने कहा कि खबरों में मिलावट करने वालों का खुलासा होना चाहिए। इस मिलावट से सूचना की शुचिता प्रभावित हो रही है। विज्ञापन से इस खेल को ठंडा किया जा रहा है और विषयों में भरकर उत्तेजना का उत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सूचनाओं में गंभीरता चाहिए। वर्तमान समय में सूचनाओं की बाढ़ है। विचारधाराओं के नाम पर ढोंग दिखाई देता है, जिसका परदा फाश जरूरी है। पाञ्चजन्य ने ऐसा प्रयास किया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि तथ्य सही से जानें, अपनी भाषा का सही प्रयोग करें तथा मन में राष्ट्र की चिंता रखें।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि यदि सूचना शुद्ध और सत्यनिष्ठ नहीं है, तो वह केवल एक शोर है, जिससे समाज में भ्रम व द्वेष फैलता है। सूचना का मूल द्रव्य सत्य है। सूचना में तथ्यों का प्रस्तुतीकरण ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना भी होनी चाहिए।  

मुख्य वक्ता अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि आज का युवा सूचनाओें के चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। फेक न्यूज और फेक नेरेटिव सबसे बड़े खतरे हैं। आधी अधूरी सूचनाएं दी जाती हैं, जिससे गलत नेरेटिव सेट किए जा रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि डा. मनोज वर्मा ने कहा कि किसी देश का राष्ट्र निर्माण सूचना तंत्र पर निर्भर करता है। उन्होंने आजादी के बाद के अलग-अलग दौरों का उदाहरण देते हुए कहा कि अब तकनीकी युग आ गया है। फेक न्यूज वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि जवाबदेही व विश्वास वर्तमान समय का सबसे बड़ा मुद्दे हैं। सोशल मीडिया की भी जवाबदेही तय की जानी चाहिए तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी अपनी मर्यादा होती है।

कुलसचिव डा. विजय कुमार ने कहा कि राष्ट्र निर्माण केवल एक भौतिक संरचना का निर्माण नहीं, बल्कि सच्चे व नैतिक नागरिकों का निर्माण करना है। यह तभी संभव है जब सच्ची व शुचिता युक्त सूचनाएं मिलें। कार्यक्रम संयोजक प्रो. अनिल कुमार ने स्वागत संबोधन किया। धन्यवाद सम्बोधन प्रो. अरूणेश कुमार ने किया। मुख्य अतिथि ने यूथ रेड क्रॉस इकाई द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता कार्यक्रम का भी रेडक्रॉस का ध्वज दिखाकर शुभारंभ किया।