जागरूकता ही एड्स से बचने का एकमात्र उपाय है: प्रो. पुष्पा दहिया 

जागरूकता ही एड्स से बचने का एकमात्र उपाय है: प्रो. पुष्पा दहिया 

एमडीयू में एड्स जागरूकता कार्यक्रम आयोजित। 
रोहतक, गिरीश सैनी। एचआईवी-एड्स एक लाइलाज बिमारी है। समय रहते सतर्कता और जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है। विश्व एड्स दिवस पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के यूथ रेड क्रॉस द्वारा स्वराज सदन में आयोजित एड्स जागरूकता कार्यक्रम में यह विचार उभर कर सामने आए।
एमडीयू के महिला अध्ययन केन्द्र की निदेशिका प्रो. पुष्पा दहिया ने बतौर मुख्यातिथि इस कार्यक्रम में शिरकत की तथा सिविल सर्जन, रोहतक डा. अनिल बिरला बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर इस कार्यक्रम में शामिल हुए। डिप्टी सिविल सर्जन डा. कुमारी इंदू व एएसएमओ डा. सोनल डोगरा ने बतौर की-नोट स्पीकर व्याख्यान दिया। वाईआरसी प्रोग्राम कोआर्डिनेटर प्रो. अंजू धीमान ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और विश्व एड्स दिवस बारे विस्तार से बताया।
मुख्यातिथि प्रो. पुष्पा दहिया ने अपने संबोधन में कहा कि एड्स एक गंभीर जानलेवा बीमारी है, जो एचआईवी संक्रमण के बाद होती है। उन्होंने कहा कि एड्स बारे जागरूकता ही इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय है। इसलिए जरूरत है कि एड्स की रोकथाम के लिए इस बारे समाज में जागरूकता की अलख जगाई जाए।
सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला ने एचआईवी वायरस फैलने के कारणों एवं इसके प्रभाव बारे विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बेशक एड्स लाइलाज बीमारी है, परंतु एड्स पीडि़त व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने कहा कि एड्स से बचाव ही इलाज से ज्यादा कारगर है। डिप्टी सिविल सर्जन डा. कुमारी इंदु व एएसएमओ डा. सोनल डोगरा ने एचआईवी वायरस की रोकथाम के उपायों, इससे जुड़ें मुद्दों एवं इसकी रोकथाम पर आने वाली चुनौतियों बारे विस्तार से जानकारी दी।
यूथ रेड क्रॉस कंसल्टेंट एमसी धीमान ने आभार जताया। मंच संचालन वाईआरसी काउंसलर्स डा. आशा शर्मा, डा. धीरज खुराना व डा. कविता ने किया। इस अवसर पर चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक, सीआर कालेज से डा. इंदू तहलान, संबद्ध महाविद्यालयों के वाईआरसी काउंसलर्स व वालंटियर्स मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में 26 वाईआरसी वालंटियर्स की एचआईवी जांच भी की गई।