खिलाड़ियों पर दांव या खिलाड़ियों का दांव?
-*कमलेश भारतीय
हरियाणा विधानसभा में इस बार खिलाड़ियों पर राजनीतिक दल दांव लगाने जा रहे हैं । वैसे तो पिछली बार भी भाजपा ने हाॅकी कप्तान रहे संदीप सिंह पर दांव खेला था और वे पिहोवा में जीत कर मंत्री भी बने थे लेकिन उन्होंने पद व खेल की गरिमा नहीं रखी और एक महिला कोच के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में उनका नाम ऐसा उजागर हुआ कि उनका राजनीतिक कैरियर लील गया। अब महिला कोच भी राजनीतिक पारी खेलने के मूड में बताई जा रही है । वैसे भाजपा ने महिला पहलवान बबीता पर भी दांव लगाया और योगेश्वर दत्त पर भी लेकिन दोनों दांव उल्टे पड़े । दोनों पहलवान राजनीति के दांव नहीं सीख पाये।
अब चर्चायें गर्म हैं कि ओलम्पिक में मेडल से चूकीं विनेश फौगाट को कांग्रेस चरखी दादरी से टिकट दे सकती है पर वहीं से यदि भाजपा फिर बबीता को टिकट देती है तो दो बहनें आमने सामने होंगीं । जिस तरह से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने विनेश फौगाट का एयरपोर्ट पर स्वागत् किया, उससे तो यही लगता है कि विनेश को टिकट का ऑफर भी दे दिया होगा।
राजनीति में ऐसे रोचक एपीसोड नयी बात नहीं हैं । तोशाम मे भी श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी भाई बहन आमने सामने चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। इसी प्रकार साक्षी मलिक और दीपक हुड्डा महम में आमने सामने हो सकते हैं। दीपक हुड्डा कबड्डी टीम के कप्तान रहे तो साक्षी मलिक ने ओलम्पिक में झंडे गाड़ रखे हैं । अब दोनों राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं । बजरंग पूनिया का क्या राजनीति में कोई भविष्य है? बिजेंद्र मुक्केबाज पहले कांग्रेस में रहे, फिर भाजपा में चले गये। राजनीतिक पारी शुरू ही नहीं हो पाई, न कांग्रेस और न ही भाजपा में। अब इस बार कहां जाओगे बिजेंद्र ? किस रिंग में उतरोगे ?
दीपक हुड्डा और इनकी पत्नी स्वीटी बूरा ने पहले अपने घर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अपने घर आमंत्रित किया लेकिन कुछ समय बाद ही भगवा रंग में रग गये । अब स्वीटी बूरा बरवाला से भाजपा की टिकट मांग रही है तो पति दीपक हुड्डा महम से । क्या भाजपा दोनों पति पत्नी को एडजस्ट कर पायेगी ? दक्षिण हरियाणा के दिग्गज नेता राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव नेशनल शूटर है लेकिन न भाजपा और न ही कांग्रेस ने उसे राजनीति के मैदान में उतारा । क्या इस बार आरती राव टिकट पर निशाना लगा पायेगी? इंसाफ रथ किसी काम आयेगा ?
सबसे मज़ेदार बात यह कि इस बार अभी तक हरियाणवी डांसिंग क्वीन सपना चौधरी का कहीं जिक्र ही नहीं जबकि एक ही समय वह कांग्रेस की प्रियंका गांधी से गले मिली और फिर मनोज तिवारी के साथ भाजपा में शामिल हो गयीं लेकिन टिकट कहीं से नहीं मिली तो स्टेज पर ठुमके लगाती दिखीं, जिससे उन्हें प्रसिद्धि मिली और मिल रही है । वैसे आर एस एस ने कड़ा एतराज जताया था कि इससे भाजपा की छवि क्या होगी और सपना का सपना चकनाचूर हो गया था! वैसे कह सकते हैं :
राजनीति के अंगना में
खिलाड़ियों का दांव है?
राजनीति के अंगने में
इनका क्या दांव है?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।