भाजपा सरकार ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ को दे रही सर्वोच्च प्राथमिकता: अनिल सरीन
प्रधानमंत्री आवास योजना’ का लक्ष्य गरीब व वंचित तबके के लोगों के जीवन में स्थिरता लाना है
लुधियाना 8 अप्रैल, 2022: प्रदेश भाजपा मुख्य प्रवक्ता अनिल सरीन ने कहा कि गरीबों को पक्का घर देने का अभियान सिर्फ एक योजना नहीं बल्कि समाज के गरीब व वंचित तबके को विश्वास दिलाने की नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता एवं पहल है। गरीब के घर मिलने से उसके जीवन में स्थिरता लाती है और इसी सोच के साथ हमारी सरकार ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। मोदी सरकार ने हर गरीब को पक्का घर उपलब्ध कराने के अपने संकल्प को पूरा करने हेतु अब तक देश में तीन करोड़ से अधिक घरों का निर्माण करवाया है जी कि मूलभूत सुविधाओं से लैस हैं। आज यह घर महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक बने हैं।
अनिल सरीन ने कहा कि इस योजना को भारतीय क्षेत्रीय संरचना के आधार पर 2 भागों में शुरू किया गया है। ये दो भाग ‘प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण’ और ‘प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी’ हैं। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2.52 करोड़ से अधिक पक्के मकान बनाए गए हैं जिस पर अब तक 2.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक की केंद्रीय सहायता दी गई है। इन घरों में ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के तहत प्रत्येक लाभार्थी को एलपीजी कनेक्शन की भी सुविधा दी गई है। उधर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत शहरी क्षेत्रों में 58 लाख से अधिक पक्के मकानों का निर्माण किया जा चुका है और इसके लिए अब तक जारी 1.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की केंद्रीय सहायता दी गई है। इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस घर को महिला सदस्य या संयुक्त नाम के स्वामित्व प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत हर घर में शौचालय, रसोई, बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध होती है। अब तक आवास योजना के तहत 3.10 करोड़ मकान बनाने पर 3.53 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
अनिल सरीन ने कहा कि पंजाब में इस योजना के तहत 1,60085 घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिसमें से अभी तक शहरी क्षेत्र में 53,041 घरों का निर्माण करके लाभार्थियों को दे दिए गए हैं और इस पर केंद्र सरकार द्वारा 1294.36 करोड़ रुपए खर्च किए गये हैं। इस योजना के तहत 23,115 घर देहाती क्षेत्र में निर्मित किए गए हैं, जिस पर 310.75 करोड़ रुपए खर्च किए गये हैं। इन पर अभी तक पंजाब में 76156 मकान बना कर दिए जा चुके है और उन पर केंद्र सरकार द्वारा 1605 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। श्री सरीन जी ने कहा कि वर्तमान में इस योजना के तहत बनाए जाने वाले घरों का आकार 25 स्क्वेयर मीटर है, जिसमे कुकिंग और हाइजीनिक एरिया भी शामिल है। इस योजना के तहत मैदानी क्षेत्रोँ में 1 लाख 20 हजार रूपये की राशि निधारित की गई है। वही इस योजना के तहत पहाड़ी इलाकों, मुश्किल क्षेत्रों में और आईएपी जिलों में 1 लाख 30 हजार रूपये निर्धारित की गई है। इस योजना में लगने वाला खर्चा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा मिलकर वहां किया जाता है। मैदानी क्षेत्रोँ में इस योजना में शेयर की जाने वाली राशि का अनुपात 60:40 है और उत्तर-पूर्व और हिमालय वाले तीन राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह अनुपात 90:10 है। इस योजना के तहत टॉयलेट के लिए 12000 रुपय की राशि का भुकतान स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और उस एरिया में चलने वाले अन्य किसी सोर्स की तरफ से किया जाता है। इस योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान और उनका सिलेक्शन उनके पास घर की कमी, एसईसीसी-2011 डाटा के अनुसार सोशल स्तर और ग्राम सभा के द्वारा वेरीफाई कर किया जाता है। इस योजना के तहत यदि लाभार्थी चाहे तो 70 हजार रुपए का लोन भी ले सकता है जो की उसे विभिन्न फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट से अप्लाई करके लिया जा सकता है। इस योजना के तहत दी जाने वाली संपूर्ण राशि का भुकतान लाभार्थी के बैंक एकाउंट में किया जायेगा और इसके लिए लाभार्थी का एकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना आवश्यक है।
अनिल सरीन ने कहा कि इस योजना के तहत संपूर्ण भारत में कोई भी व्यक्ति जिसके पास स्वयं का घर नहीं है या जो कि 1, 2 या अधिक कमरों के कच्चे घर में रहता हो या जिसके घर में छत नहीं हो वह इस योजना के तहत लाभ ले सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक नहीं है की लाभार्थी बीपीएल कार्ड होल्डर हो। इस योजना के तहत प्रथम प्राथमिकता केटेगरी के अनुसार दी जाएगी, मतलब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, माइनॉरिटीज और अन्य वर्ग के लोग इस योजना के तहत लाभ के प्रथम दावेदार होंगे। वह परिवार जिसका मुखिया एक महिला हो और उसमे कोई भी एडल्ट मतलब 16 से 59 आयु वर्ष का सदस्य ना हो, जिसका 25 वर्ष अधिक का कोई भी सदस्य पढ़ा लिखा ना हो, जिसका कोई सदस्य दिव्यांग हो और जिसमे कोई एडल्ट ना हो, जिनके पास स्वयं की कोई जमीन उपलब्ध ना हो और जिनकी इनकम का अधिकतम भाग मजदूरी से आता हो, वह परिवार इस योजना के लिए प्रथम प्राथमिकता होंगे। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंघल, महामंत्री कान्तेंदु शर्मा, राम गुप्ता, प्रेस सचिव डा.सतीश कुमार आदि भी उपस्थित थे।