आरक्षण खत्म करने का राहुल गांधी का मंसूबा कभी पूरा नहीं होने देगी भाजपा: डॉ अशोक तंवर 

रोहतक में बोले तंवर, हरियाणा कांग्रेस में एक ही परिवार की सत्ता। 

आरक्षण खत्म करने का राहुल गांधी का मंसूबा कभी पूरा नहीं होने देगी भाजपा: डॉ अशोक तंवर 

रोहतक, गिरीश सैनी। कांग्रेस हमेशा दलित और गरीब विरोधी रही है। अब फिर राहुल गांधी आरक्षण खत्म करने की बात बोल रहे हैं, लेकिन भाजपा उनका ये मंसूबा कभी पूरा नहीं होने देगी। ये बात पूर्व सांसद एवं भाजपा नेता डॉ अशोक तंवर ने रविवार को रोहतक में एक पत्रकार वार्ता के दौरान के दौरान कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कही। 

डॉ तंवर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को पिछले 10 वर्षों में एक सूत्र में पिरोकर नई दिशा देने का काम किया है। शनिवार को कुरुक्षेत्र की भूमि से एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने यह बता दिया है कि जब तक भारतीय जनता पार्टी है तब तक देश के किसान, मजदूर, गरीब और दलित के विरोध में काम कर रही कांग्रेस पार्टी के मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान हरियाणा भाजपा मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी, भाजपा मीडिया सह प्रभारी शमशेर सिंह खरक, अशोक छाबड़ा, संदीप आजाद व सोशल मीडिया इंचार्ज अरुण यादव भी मौजूद रहे। 

डॉ अशोक तंवर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे के दौरान उन द्वारा दिए गए आरक्षण विरोधी बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विदेश में जाते ही राहुल गांधी और कांग्रेस का ध्यान इस ओर लग जाता है कि किस प्रकार देश की छवि को धूमिल किया जाए, ये अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी यही कहते थे कि आरक्षण के कारण सरकारी सुविधाओं की गुणवत्ता में कमी आएगी। आज अगर अनुसूचित जाति में बैकलॉग है, तो वह कांग्रेस पार्टी की इस सोच की देन है।

पूर्व सांसद ने कहा कि जब तक भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और कार्यकर्ता हैं, तब तक आरक्षण को बेहतर ढंग से लागू करने पर तो चर्चा हो सकती है, पर आरक्षण को हटाने की बात नहीं की जा सकती। भाजपा का लक्ष्य आर्थिक और सामाजिक रूप से बहिष्कृत और शोषित लोगों का विकास करना है।

कांग्रेस की दलित विरोधी हुड्डा सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक कांग्रेस सरकार के 10 साल के शासन में हर 18 घंटे में दलितों के ऊपर अत्याचार की एक घटना होती थी, जिसका उदाहरण गोहाना और मिर्चपुर जैसे कांड है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म की भी अनेकों घटनाएं हैं। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार दलितों पर होने वाले अत्याचारों का पर्याय बन चुकी थी। 2011-12 में तो हरियाणा में हिंसा की इतनी घटनाएं हुई कि स्वयं माननीय सुप्रीम कोर्ट तक को संज्ञान लेना पड़ गया, पर प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस बात का संज्ञान नहीं लिया। आज भी कांग्रेस पर वही मानसिकता हावी है और  कांग्रेस के लोग दलित के हितैषी बनकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।

डॉ अशोक तंवर ने कुमारी सैलजा के साथ कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए व्यवहार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में जो लोग दलित समाज का होकर मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, उनके साथ जो हुआ वह जग जाहिर है। कांग्रेस के भीतर सिर्फ एक ही परिवार हावी है और इसी कारण कोई स्वाभिमानी कार्यकर्ता उस पार्टी में नहीं रह सकता है। उन्होंने कांग्रेस और उसके नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग कुमारी सैलजा के लिए किया गया, उस पर किसी कांग्रेस नेता ने टिप्पणी क्यों नहीं की या उसकी निंदा क्यों नहीं की?  डॉ तंवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने समर्पित और कर्मठ कार्यकर्ताओं का हक मार कर सामंती सोच के तहत सदैव कुछ परिवारों और कुछ लोगों को ही प्राथमिकता दी है। टिकट आवंटन के समय भी परिवारवाद और जातिवाद को मद्देनजर रखते हुए टिकट बांटे गए। 

डॉ अशोक तंवर ने कहा कि हरियाणा की जनता एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनाएगी और झूठ बोलने वाली कांग्रेस पार्टी की बातों में नहीं आएगी।

एक सवाल के जवाब में डॉ अशोक तंवर ने कहा कि वे कांग्रेस में रह कर भी उसकी परिवारवादी और दलित विरोधी मानसिकता पर सवाल उठाते रहते थे, जिसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ता था। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस को करीब से देखा है और उनकी मानसिकता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विरोध की मानसिकता है।