भाजपा के गौतम, भाजपा में लौटे
-*कमलेश भारतीय
यह भी मज़ेदार है कि भाजपा के रामकुमार गौतम भाजपा में ही लौटने जा रहे हैं । इस विधानसभा में गौतम जजपा के विधायक थे अब तक, अब भाजपा के समंदर में यह बूंद समा जायेगी । गौतम ने भाजपा विधायक के रूप में ही पहला चुनाव नारनौंद से जीता था लेकिन वे भाजपा विधायक होते हुए भी उस समय मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीब आ गये और धीरे धीरे भाजपा से उनका मोहभंग होता चला गया । खरी खरी कहने और सुनाने वाले वरिष्ठ नेता रामकुमार गौतम को बड़ी आस थी कि उन्हें झंडी वाली गाड़ी दुष्यन्त चौटाला दिलवायेंगे लेकिन उनकी बजाय यह झंडी वाली कार नसीब हुई अनूप धानक को और रामकुमार गौतम का दिल बुरी तरह टूट गया । वे शुरू से ही दुष्यंत चौटाला के खिलाफ मुखर हो गये जबकि दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बन चुके थे और गौतम का कहना था कि इतने विभाग अपने पास रख लिये, इन्हें औरों में बांट देना चाहिए था । अब मज़ेदार बात देखिये कि रामकुमार गौतम के साथ ही अनूप धानक ने भी जजपा छोड़ दी और तीन जजपा विधायक आज जींद में भाजपा की 'जन आशीर्वाद रैली' में भाजपा में शामिल हो जायेंगे । रामकुमार गौतम व अनूप धानक के साथ बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग भी जींद पहुंच कर कमल थामने जा रहे हैं । जोगीराम सिहाग ने लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चौ रणजीत चौटाला का खुलेआम साथ दिया था जबकि दुष्यंत चौटाला के साथ रहते उन्होंने चेयरमैन का पद स्वीकार नहीं किया था, उनकी नज़र भी झंडी वाली कार पर लगी थी । सिर्फ अनूप धानक को ही यह कार मिली लेकिन खुश वे भी न रहे जजपा से और लोकसभा चुनाव में भी प्रचार के लिए नहीं दिखे बल्कि बीमार बताये गये । अब वे पूरी तरह फिट होकर भाजपा के साथ नयी पारी शुरू करने जा रहे हैं । अब जजपा में मां नैना चौटाला, बेटे दुष्यंत चौटाला और तीसरे विधायक अमरजीत ढांडा ही बच रहे हैं, दस विधायकों वाली जजपा तीन विधायकों तक ही सिमट कर रह गयी है ।
अब रामकुमार गौतम के भाजपा में शामिल होने से भाजपा की समस्या बढ़ेगी क्योंकि यह पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कर्मभूमि है और उन्हें हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने प्रत्याशी भी नहीं बनाया था । अब नारनौंद से उन्हें उपेक्षित कर सकेगी भाजपा ? या कहीं और एडजस्ट किया जायेगा कैप्टन अभिमन्यु को ? जहां तक अनूप धानक की बात है तो ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि उन्हें उकलाना से भाजपा फिर से अपना प्रत्याशी बना सकती है । इसी तरह बरवाला से क्या जोगीराम सिहाग को भाजपा टिकट देगी ? भाजपा के नेता कहां जायेंगे ? ये यक्ष प्रश्न हैं सभी दलों के कि दलबदल तो करवा लेते हो लेकिन एडजस्ट कर पाते हो ? भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी भी हरियाणा में अब इसीलिए गुटबाजी का शिकार होने लगी है । हिसार को ही लीजिए, यहा सावित्री जिंदल के भाजपा में शामिल होने के बाद से मंत्री व दो बार के विधायक डाॅ कमल गुप्ता की बेचैनी बढ़ गयी है । पूर्व मेयर गौतम सरदाना भी नयी ज़मीन तलाशते देखे जा सकते हैं । भाजपा हिसार से किसे टिकट देगी ? सावित्री जिंदल, डाॅ कमल गुप्ता या फिर गौतम सरदाना या यही लोग आमने सामने आ जायेगे चुनाव लड़ने ? नलवा में भी डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को कुलदीप बिश्नोई के खासमखास रणधीर पनिहार चुनौती दे रहे हैं । इस तरह भाजपा में भी अनुशासन कम होता जा रहा है और इस पर कांग्रेस कल्चर छा रहा है ! रब्ब खैर करे! कुंवर बेचैन कहते हैं:
एक ही राह पर चलोगे तो थक जाओगे
धीरे धीरे ही सही राह पर चलते रहिये
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।