शरीर दान चिकित्सा शिक्षा के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैः डॉ. श्याम लाल सिंगला

एसजीटी विवि में शरीर दान पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित।

शरीर दान चिकित्सा शिक्षा के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैः डॉ. श्याम लाल सिंगला

गुरुग्राम, गिरीश सैनी। एसजीटी विवि, गुरुग्राम के फैकल्टी ऑफ इंडियन मेडिकल सिस्टम में शरीर दान (बॉडी डोनेशन) के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यक्रम "कैडेवर: मूक शिक्षक, अनमोल योगदान" का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को इस कार्य के प्रति संवेदनशील बनाना था ताकि अनुसंधान में और प्रभावशाली प्रगति करके सभी के स्वास्थ्य की रक्षा करने का उद्देश्य पूरा किया जा सके।

इस दौरान दो शरीरों को एक गरिमामयी "कैडेवर स्वीकृति समारोह" के माध्यम से स्वीकार किया गया। ये शरीर केएलई एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, बेलगावी से आयुर्वेद संकाय के विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए प्राप्त हुए थे। इस दौरान एसजीटी विवि के सलाहकार प्रो. (डॉ.) श्याम लाल सिंगला, प्रबंधन के वरिष्ठ सदस्य रजनीश यादव, डीन प्रो. (डॉ.) अनिल शर्मा, एसोसिएट डीन डॉ. विद्यावती हिरेमठ सहित डेंटल, नेचुरोपैथी और नर्सिंग संकायों के डीन, संकाय सदस्य, विद्यार्थी एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

"कैडेवर: मूक शिक्षक, अनमोल योगदान" कार्यक्रम की शुरुआत धन्वंतरि वंदना के साथ हुई। तत्पश्चात केएलई सोसाइटी के बेलगावी कंकणावाड़ी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. महांतेश रमन्नवर ने शरीर दान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक कैडेवर (शव) केवल अध्ययन की वस्तु नहीं, बल्कि एक मौन शिक्षक है जो भावी चिकित्सकों को मूल्यवान ज्ञान और कौशल प्रदान करता है।

एसजीटी विवि के सलाहकार प्रो. (डॉ.) श्याम लाल सिंगला ने कहा कि शरीर दान चिकित्सा विज्ञान के विकास और भावी डॉक्टरों के प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि शरीर दान चिकित्सा शिक्षा के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से इस पुनीत कार्य के लिए आगे आने की अपील की।

डीन, फैकल्टी ऑफ इंडियन मेडिकल सिस्टम डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि यह समाज और चिकित्सा क्षेत्र के लिए अत्यंत प्रेरणादायक प्रयास है। उपस्थित जन ने दिवंगत शरीर दाताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों का आभार जताया।