मनुष्य की कल्पना शक्ति को नई उड़ान देती हैं पुस्तकेः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

डॉ. आनंद शर्मा की पुस्तक का किया विमोचन।

मनुष्य की कल्पना शक्ति को नई उड़ान देती हैं पुस्तकेः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। विश्वविद्यालय समुदाय में पुस्तक पठन-पाठन की संस्कृति विकसित करने, विद्यार्थियों में पुस्तक-प्रेम जागृत करने तथा विद्यार्थियों को सृजनात्मक लेखन के लिए प्रेरित करने की संकल्पबद्धता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विवेकानंद पुस्तकालय में पुस्तक लोकार्पण समारोह में व्यक्त की।

विवेकानंद पुस्तकालय द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में एमडीयू एलुमनस, प्रतिष्ठित रंगकर्मी डॉ. आनंद शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक- हरी भरी धरोहर मेरे हरियाणा की, प्रतिष्ठित लोक संस्कृति कर्मी डॉ. रामफल चहल तथा डॉ. संजीव कुमारी द्वारा लिखित पुस्तक- ऊदल-द्वापर के शापित योद्धा का लोकार्पण कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने किया।

 

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने पुस्तक लेखकों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि पुस्तकें मनुष्य की कल्पना शक्ति को नई उड़ान देती हैं, ज्ञान का विस्तारण करती हैं तथा जीवन में रचनाशीलता संचार करती हैं। भविष्य में पुस्तक चर्चा तथा लेखन-संवाद कार्यक्रम का विश्वविद्यालय में आयोजन करने की बात कुलपति ने कही। उन्होंने यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डॉ. सतीश मलिक तथा उनकी टीम को इस आयोजन के लिए बधाई दी।

 

यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डॉ. सतीश मलिक ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि कुलपति की प्रेरणा से पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। डॉ. आनंद शर्मा ने अपने संबोधन में उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक हरी भरी धरोहर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा तथा लोक जीवन पर प्रकाश डालती है। लोक संस्कृति विद्वान प्रो. सुधीर शर्मा ने कहा कि भारत की लोक संस्कृति में मौखिक साहित्य कथन की परंपरा है। अल्लाह-ऊदल उसी श्रुति परंपरा का अभिन्न अंग रही है। पुस्तक लेखक डॉ. रामफल चहल ने अपनी पुस्तक अल्लाह-ऊदल बारे जानकारी दी। आभार प्रदर्शन पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. एन.के. स्वैन ने किया। मंच संचालन डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. सीमा ने किया।

 

सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. सेवा सिंह दहिया, हिन्दी विभागाध्यक्षा प्रो. कृष्णा जून, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीभगवान, सेवानिवृत निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, सहायक निदेशक युवा कल्याण डॉ. प्रताप राठी, पवन मल्होत्रा, डॉ. दीपक लठवाल सहित पुस्तक प्रेमी नागरिक, शोधार्थी, विद्यार्थी मौजूद रहे।