बजट 2023 – CA Rajeev K Sharma
1. यह नए टैक्स स्लैब करदाता की 01. 04 .2023 से होने वाली आय पर लागू होंगे, और वित्तीय वर्ष 2023 -24 की आमदन कर की रिटर्न उन करदाताओं को भरनी जरुरी नहीं होगी जिनकी सालाना आय 3 लाख रूपए से कम है और वो पुरानी टैक्स स्लैब की ऑप्शन नहीं लेते , अगर वो पुरानी टैक्स स्लैब की ऑप्शन लेंगे तो उनके लिए रिटर्न दाखिल करना जरुरी होगा अगर उनकी सालाना आय 2. 5 लाख रूपए से कम नहीं है।
2. वर्तमान में आयकर में प्रावधान यह है कि व्यक्तिगत करदाताओं और एच यु ऐफ इत्यादि को पुरानी टैक्स स्लैब में ही टैक्स लगता है जब तक कि वे अपने आप नयी टैक्स स्लैब में न जाना चाहें, जबकि बजट 2023 में प्रावधान प्रस्तावित है कि व्यक्तिगत करदाताओं और एच यु ऐफ इत्यादि को नयी टैक्स स्लैब में ही टैक्स लगेगा जब तक कि वे अपने आप पुरानी टैक्स स्लैब में न जाना चाहें।
3. बजट 2023 में प्रस्तावित है कि धारा 87A के अंतर्गत 7 लाख रुपये तक की कुल आमदन तक इनकम टैक्स न लगने का लाभ केवल उन्हीं व्यक्तिगत करदाताओं और एच यु ऐफ इत्यादि को मिलेगा जो प्रस्तावित धारा 115BAC (1A) यानि नयी टैक्स स्लैब के अंतर्गत आयकर देंगे, और अगर वे सात लाख तक इनकम टैक्स न लगने का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें 80C में मिलने वाली लाइफ इन्शुरेंस , स्कूल फी , टैक्स बचत स्कीम में इन्वेस्टमेंट , हाउसिंग लोन पर ब्याज आदि की छूट नहीं मिलेगी, याद रहे सैलरी और पेंशन से आय पर उन्हें 50000 रूपए की छूट मिल जाएगी। सैलरी पेंशन से आय वालों को यह इनकम टैक्स न लगने का लाभ प्रभावी रूप से 7. 5 लाख तक कुल आमदन तक मिल जायेगा अगर उनकी कुल आमदन स्टैण्डर्ड डिडक्शन घटाने के बाद 7. 5 लाख से कम रहती है। जिनको सैलरी पेंशन से आय नहीं हो उनको इनकम टैक्स न लगने का लाभ प्रभावी रूप से 7 लाख तक की कुल आमदन तक मिलेगा अगर उनकी कुल आमदन 7 लाख से कम रहती है ।
4. अगर वे करदाता चाहते हैं कि वे पुरानी टैक्स स्लैब में ही टैक्स देना चाहते हैं तो उनको धारा 87A के अंतर्गत यह इनकम टैक्स न लगने का लाभ 5 लाख रूपए तक ही मिलेगा अगर उनकी इनकम उनकी कुल इनकम में से धारा 80C में मिलने वाली लाइफ इन्शुरेंस , स्कूल फी , टैक्स बचत स्कीम में इन्वेस्टमेंट , हाउसिंग लोन पर ब्याज इत्यादि को घटाने के बाद रूपए 5 लाख रूपए तक की बचती है.
5. यह नए टैक्स स्लैब करदाता की 01. 04 .2023 से होने वाली आय पर लागू होंगे।
6. बजट 2023 में यह भी प्रस्तावित है कि अगर करदाता जिनको बिज़नेस/प्रोफेशन से भी आय है वे अगर पुरानी टैक्स स्लैब में टैक्स देने की ऑप्शन देते हैं तो भविष्य में नयी टैक्स व्यवस्था में वापिस आने का उन्हें केवल एक मौका मिलेगा
7. रेलवे सेक्टर के लिए जो 2. 40 लाख करोड़ खर्च करने का बजट है उस से उम्मीद की जा सकती है कि रेलवे को इंजीनियरिंग गुड्स , पार्ट्स सप्लाई करने वाले मैन्युफक्चरर्स को बड़े आर्डर मिलें.
8. पुरानी यात्री गाड़ियों , कारों इत्यादि की स्क्रैप की पालिसी से ऑटो सेक्टर को फायदा होने की उम्मीद है
सी. ए. राजीव के. शर्मा,
Secretary, Indirect Tax Consultants Association, Ludhiana