बजट रे  बजट तेरा रंग कैसा?

बजट रे  बजट तेरा रंग कैसा?

-*कमलेश भारतीय
बजट पेश हो गया। लोकसभा चुनाव के बाद पहला बजट ! ऐसा बजट कि विपक्ष ने बिहार व आंध्रप्रदेश के लिए खास ऐलान को 'भेदभाव' का आरोप लगाते संसद के दोनों सदनों में हंगामा करने के बार बहिष्कार कर दिया । विपक्ष ने बजट को 'नाजुक गठबंधन' को बचाने का 'बीमा' बताया । भाजपा ने जवाब में कहा कि सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है । राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण में तीखी बहस हुई जिसमें खड़गे ने कहा कि बिहार और आंध्र को छोड़कर बाकी राज्यों के साथ अनदेखी हुई है । साफ जाहिर है कि यह 'कुर्सी बचाओ' बजट है । यदि यह किसी को खुश करने के लिए किया है तो हम इसकी निंदा करते हैं । जब वित्तमंत्री सीतारमण जवाब देने आगे आईं तो विपक्ष बहिष्कार कर गया। संसद के बाहर प्रदर्शन करने लगा । इस पर सीतारमण ने कहा कि यह बजट का अपमान है । याद रहे कि बजट में बिहार को 59 हज़ार रुपये तो आंध्र को 15 हज़ार करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की गयी है, जिस पर विपक्ष भड़क गया और प्रदर्शन पर उतर आया । संसद के बाहर प्रदर्शन में कांग्रेस सांसद  सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित इंडिया गठबंधन के सांसद मौजूद रहे। ‌इससे यह भी स्पष्ट है कि भाजपा के भेदभाव की ऐसी नीतियां विपक्ष को मजबूत करती जा रही हैं। वैसे भी विपक्ष पिछली दो बार की तरह इतना कमज़ोर भी नहीं रहा । यही कारण है कि बिहार और आंध्र को खुश रखने की यह बजट गवाही दे रहा लगता  है । 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एस के स्टालिन की प्रतिक्रिया काबिले गौर है ।  वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जी, आपने कहा था कि चुनाव खत्म हो गया, अब हमें देश के बारे में सोचना है लेकिन यह बजट आपका शासन बचायेगा, न कि देश ! बहुत सीधी और‌ स्पष्ट, खरी खरी बात कह दी ।

आप समझिये कि छोटी सी छोटी सरकार यानी पंचायत, नगर‌ निगम और यहां तक कि विधानसभाओं में भी बजट पर ऐसी ही प्रतिक्रियायें सामने आती रहती हैं । विधानसभा में हरियाणा के आदमपुर से नेता रहे कुलदीप बिश्नोई यही आरोप लगाकर कांग्रेस से अलग हुए कि कांग्रेस राज में भी आदमपुर के साथ भेदभाव किया गया। कोई समय था कि आदमपुर को लेकर राज्य के नेता चौ भजनलाल पर आरोप लगाते थे कि आदमपुर को खास दर्जा दे रखा है। ‌फिर रोहतक को  लेकर आरोप लगाये जाने लगे तो कभी सिरसा पर ज्यादा मेहरबानियां होती रहीं तो भेदभाव के आरोप छोटे स्तर पर भी लगते आ रहे हैं। 

दुख इस बात का है कि बजट को राजनीतिक रंग दे दिया गया, जो विरोध का कारण बना। सारा देश आपका है और‌ आपको सारा देश देखना है। सबका साथ मिले न मिले लेकिन सबका विकास करने की जिम्मेदारी आप पर है। इसलिए बजट को राजनीतिक न बनाइये। बजट में बिहार के पैकेज को लेकर सोशल मीडिया में चुटकी आई कि अब तो इसके बाकी पुल भी बह जायेंगे ताकि नये बनाये जा सकें। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को खुश करने के चक्कर में दूसरे राज्यों में समर्थन पर असर पड़ने की आशंका है। हिसार के कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने कहा कि यह बजट हरियाणा में हार का बदला लेने जैसा है और‌ विधानसभा चुनाव में इस अनदेखी का बदला जनता लेगी। 
देखिये 
जाकी रही भावना जैसी
बजट मूरत देखी तिन वैसी !!
अपनी राम राम! 
हम तो चलते अपने गांव!! 

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।