मंत्रिमंडल विस्तार : नहीं मनाये निर्दलीय व नाराज़
-कमलेश भारतीय
हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार आखिरकार हो गया और इसके संदेश साफ हैं कि न निर्दलीय मनाये और न रूठे हुए मनाये । छह निर्दलियों में से एक ही मंत्री दोबारा बने और वे हैं चौधरी रणजीत चौटाला और बाकी जैसे थे, वैसे ही रह गये पर समर्थन जारी रखेंगे । यह वादा है इनका । कब तक? कोई नहीं कह सकता, भैया, यह राजनीति है, कब आंखें फेर लें, कुछ कह नहीं सकते ! खैर, मंत्रिमंडल के विस्तार से नये मुख्यमंत्री की सांस में सांस आई होगी, यह बाधा तो पार कर ली । हिसार को खुशी है कि यहां के विधायक डाॅ कमल गुप्ता फिर से फुल्ल मत्री हैं, बाकी सब स्टेट मिनिस्टर । यानी हिसार का रूतबा बनाये रखा है । किते नीं तेरा रूतबा घट्या ! नहीं मनाया तो नाराज़ गब्बर को यानी दाढ़ी वाले बाबा को । वे कहते हैं कि मुझे तो कोई खबर ही नहीं कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है ! आपके बिना ही विस्तार करके क्या संदेश दिया गया यह समझने की कोशिश कीजिये अब । यह क्या हुआ, क्यों हुआ, यह न पूछो ! हो गया, बस । अब कर्मचारियों के मन से गब्बर का खौफ निकल गया, वरना जिधर भी जाते, किसी भी दुख निवारण में जाते, दुख देकर ही आते ! कहीं कोई सस्पेंड न हो जाये, कहीं कोई इनके गुस्से की भेंट न चढ़ जाये ! यह खौफ तो निकल गया । कर्मचारियों ने राहत की सांस ली होगी । इधर हमारे डाॅ कमल गुप्ता भी शुरू में इनकी राह चल पड़े थे, फिर अपने ठंडे और कोमल स्वभाव पर जल्दी ही आ गये ।
कहते हैं कि पूर्व कांग्रेसी नेता और सांसद राव इंद्रजीत को भी संदेश दे दिया गया है, उनकी पसंद के विधायक को मंत्री न बनाकर । अरे भाई, अपने राव साहब तो मुख्यमंत्री पद के खुद दावेदार हैं, जैसे अपने चौधरी बीरेंद्र सिंह, दोनों ने इसीलिए तो दस साल पहले भाजपा ज्वाइन की थी कि हमारी मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश यह पार्टी पूरी करेगी लेकिन वक्त बड़ा बेरहम निकला। चौधरी बीरेंद्र सिंह तो आस टूट जाने पर भाजपा से दूर निकल आये जबकि राव इंद्रजीत क्या कदम उठाते हैं यह भविष्य पर निर्भर करता है । बेटी आरती राव की भी सियासी पारी शुरू होनी बाकी है और इंतज़ार कब तक करेंगे? दो दो दिग्गज नेताओं का सपना चकनाचूर किया भाजपा ने, बददुआयें तो लगेंगी न ।
इधर एक और संदेश भी दे दिया पूर्व हाॅकी खिलाड़ी संदीप सिंह की मंत्रिपद से छुट्टी करके यानी महिला कोच इनका राजनीतिक करियर ले ही डूबी । हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इनका बचाव करते रहे कि जब तक दोषी करार नहीं दिया जाता तो तब तक कैसे निकाल सकते हैं। दोषी तो अब भी करार नहीं हुए संदीप सिंह, अब इन्हें मंत्रिमंडल में जगह न देकर क्या संदेश दिया है कि कोई जगह नहीं। भाजपा की छवि धूमिल हो रही थी। क्या करते?
खैर, मंत्रिमंडल बन गया, अब नये काम पर लग जाओ यानी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लग जाओ!
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी
नये दौर में लिखेंगे
लोकसभा चुनाव की कहानी !
हम हरयाणवी!