कानून के विद्यार्थियों से किया बौद्धिक चेतना को विकसित करने का आह्वान
रोहतक, गिरीश सैनी। सही और गलत की समझ के लिए बौद्धिक चेतना महत्त्वपूर्ण है। खासतौर पर कानून के विद्यार्थियों से बौद्धिक चेतना को विकसित करने का आह्वान शुक्रवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के विधि विभाग में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं ने किया।
चेतना, बुद्धि और कानून विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन माइकल यांचल्स, हैम मेना तथा विवेक वैद्यनाथन ने ने बौद्धिक चेतना की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशेषज्ञ वक्ताओं ने बौद्धिक चेतना के सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए जीवन में इसके महत्व को उकेरा। उन्होंने बौद्धिक चेतना के विकास में मेडिटेशन के रोल को अहम बताया और मेडिटेशन करने के सही तौर-तरीकों बारे व्यावहारिक जानकारी साझा की। विधि विभाग की प्राध्यापिका एवं इस कार्यशाला की कंवीनर डॉ. अनुसूया यादव ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और कार्यशाला की विषयवस्तु को प्रस्तुत किया। को-कंवीनर डॉ. प्रदीप लाकड़ा ने कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय किया तथा अंत में आभार जताया। इस अवसर पर विधि विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।