शब्दों में बयान नहीं कर सकती , जो मुझे बेटियों ने सम्मान दिया: कमलेश मलिक
-कमलेश भारतीय
आप टी वी की अम्मा यानी मेघना मलिक को जानते हैं न ? जी न्यूज पर तेज तर्रार एंकर मीमांसा मलिक याद आती है ? इन दोनों की अम्मा हैं डाॅ कमलेश मलिक जो हरियाणा के सोनीपत मे रहती हैं और उनसे जब इन दोनों बेटियों के बारे में बात की गयी तो खुशी से भर कर बोलीं कि आप मेरी खुशी का अंदाजा नहीं लगा सकते । इतना कह सकती हूं कि मुझे ईश्वर ने ये वरदान दिया इनकी मां बनने का और कुछ बनाने का हौंसला दिया । वैसे मेरा डाॅ कमलेश मलिक से परिचय सन् 1990 में चंडीगढ़ में हुआ था जब वे हरियाणा साहित्य अकादमी की एक तीन दिवसीय कहानी कार्यशाला लगाने आई थीं यात्री निवास में । तब मैं एक रिपोर्टर के तौर पर कवरेज करने जाता था तीनों दिन और वहां राजी सेठ, कमला चमोला और कमलेश मलिक एक ही टेबल पर खाना खाती मिल जाती थीं । यह कार्यशाला बहुत श्रेष्ठ कार्यशाला थी जिसमें नामवर सिंह और भीष्म साहनी जैसे रचनाकार आमंत्रित किये गये थे ।
यह परिचय इतने वर्षों से निभता आ रहा है । जब जब मेघना या मीमांसा की इंटरव्यू करनी हो तो कमलेश जी मेरी के लिए आगे आती हैं और ये दोनों बेटियां भी बहुत सम्मान देती हैं ।
मूल रूप से यूपी के हापुड़ के निकट गांव अकड़ोली निवासी कमलेश मलिक की पहली शिक्षा तो हाथरस के गुरूकुल में हुई। फिर इंटर हापुड़ की आर्य कन्या पाठशाला से और बी ए मेरठ के रघुनंदन काॅलेज से तो एम ए हिंदी की हापुड़ के एस एस वी काॅलेज से । तुरंत बाद शादी हो गयी सोनीपत के अंग्रेजी प्राध्यापक आर एस मलिक जी से और मैं भी उनके सी आर काॅलेज में हिंदी प्राध्यापिका नियुक्त हो गयी । फिर जब अलग गर्ल्स काॅलेज टीका राम गर्ल्स काॅलेज बना तो वहां मैनेजमेंट ने भेज दिया । फिर इसी काॅलेज की प्रिंसिपल बनीं और सन् 2005 में रिटायर हुई । तब से साहित्य लिखना पढ़ना ही मेरी ज़िंदगी हो चुकी है । हालांकि बीच नौकरी एम ए संस्कृत भी की और पीएच डी भी ।
-दो बेटियों की मां होने पर कितना गर्व है और वो भी मेघना व मीमांसा जैसी प्रतिभाशाली बेटियों की मां होने पर?
-यह कोई पूछने की बात ही नहीं । इतना गर्व है मुझे कि शब्दों में बयान नहीं कर सकती। भगवान् ने बेटियां देकर जैसे वरदान दिया हो । इनकी परवरिश में बहुत मज़ा आया । आनंद मिला । बचपन से ही पुरस्कार लेती आईं हर मंच पर ।
-कैसी थीं ये बचपन से ही ?
-दोनों पहली कक्षा से ही डांस करती थीं । पहले तो दोनों डांस या अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेती रहीं। फिर धीरे धीरे मेघना का एक्टिंग में तो मीमांसा का एंकरिंग मे शौक बढ़ता गया । वह डिबेट्स में ज्यादा भागीदारी करने लगी और मेघना थियेटर की ओर बढ़ती गयी ।
-फिर कैसे बदले इनके रास्ते ?
-मेघना ने एम ए इंग्लिश की कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय से और टाॅप किया। बाद में एन एस डी में चुनी गयी और रेपेटरी मे भी रही । फिर पूरी तरह एक मैच्योर आर्टिस्ट बन कर मुम्बई पहुंची और अम्मा के रोल में हमें हैरान और गौरवान्वित कर दिया । और मीमांसा ने हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय से जर्नलिज्म की दो साल की डिग्री ली और जी न्यूज में एंकर बनी । बहुत सौभाग्यशाली समझती हूं अपने आपको इनकी मां के रूप में ।
- फिर जो मलिक जी के निधन पर अंतिम यात्रा में बेटों की तरह कंधा दिया ?
-वह इनके पापा शुरू से ही कहते थे कि ये मेरे बेटे हैं । बेटियां कभी समझी ही नहीं और उन्होंने भी अपने पापा की इच्छा पूरी की । मेरी भी यही इच्छा थी कि बेटियां ही उनके सारे क्रिया कर्म करें ।
-आपका लेखन और कितनी किताबें आ चुकीं?
-तीन कथा संग्रह और दो काव्य संग्रह ।
-पुरस्कार ?
-हरियाणा साहित्य अकादमी से सन् 2010 और 2018 में दोनों कथा संग्रहों पर और अब हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से सन् 2019 की श्रेष्ठ महिला रचनाकार के रूप में सम्मान मिलेगा ।
-प्रिय लेखक कौन ?
-जयशंकर प्रसाद , महादेवी वर्मा , नीरज , बच्चन से लेकर दुष्यंत कुमार, मन्नू भंडारी और चित्रा मुद्गल तक ।
-लक्ष्य ?
- पहले भी लिखती पढ़ती आ रही हू और अब भी यही इच्छा कि लिखते पढ़ते यह जीवन गुजार लूं । बस । इतना काफी । और श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान पर जिम्मेदारी और बढ़ गयी है मेरी।
हमारी शुभकामनाएं डाॅ कमलेश मलिक को ।