केंद्र का आर्थिक पैकेज आंखों का छलावा: दीवान
एमएसएमई को संकट से निकालने में नाकाम

लुधियाना: पंजाब लार्ज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन पवन दीवान ने गत दिवस केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज को मात्र आंखों का छलावा और सिर्फ वाहवाही बटोरने की कोशिश करार दिया है, जो वास्तव में उद्योगों व उनमें काम करने वाले करोडों लोगों की समस्याओं को हल करने में विफल रहा है।
दीवान ने कहा कि पूरा देश कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के मध्य केंद्र सरकार से राहत की उम्मीद लेकर बैठा था, मगर ऐसा नहीं हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक पैकेज, पैकी बनकर रह गया, जो सूक्ष्म, लघु व मध्यवर्गीय उद्योगों को संकट से निकालने में नाकाम प्रतीत होता है। सरकार ने देशभर के करीब 6 करोड़ 30 लाख में से सिर्फ 45 लाख एमएसएमई को ही चुना है। बाकी उद्योगों का क्या होगा। जबकि पंजाब में 2.52 लाख औद्योगिक इकाइयों में से सिर्फ 1000 बड़े उद्योग हैं।
इसी तरह, एमएसएमई के लिए लोन गारंटी सिर्फ कागजी प्रतीत होती है, जिस पर बैंक अमल नहीं करते। सरकार ने पलायन को मजबूर प्रवासी मजदूरों के लिए भी कुछ नहीं किया। लुधियाना की साइकिल व हौजरी-टेक्सटाइल इंडस्ट्री पहले से मंदी के दौर में हैं। मगर केंद्र द्वारा घोषित 20 लाख करोड आर्थिक पैकेज मात्र आंखों का छलावा व वाहवाही बटोरने की कोशिश प्रतीत होता है। जैसे इन्होंने छह साल पहले विदेशी बैंकों से लाकर 15-15 लाख रुपए हर भारतीय के बैंक खाते में डालने का वायदा किया था, जो रास्ते में बेल्जियम जैसे देश में अटक गया लगता है और अभी तक भारत नहीं पहुंच सका।