एंटरप्रिन्योरशिप की चुनौतियों व उनके समाधान पर चर्चा हुई

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पं. दीनदयाल उपाध्याय इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर (पीडीयूआईआईसी) के सौजन्य से ‘कोनार्क - द चेरियट ऑफ इनोवेशन’ विषय पर जारी तीन दिवसीय टेकफेस्ट में शुक्रवार को ‘इंटरप्रिन्यूर स्किल्स, एटीट्यूड एंड बिहेवियर डेवेलपमेंट‘ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उद्योग विशेषज्ञ पवनीश कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. मणि श्रेष्ठ कार्यशाला के समन्वयक रहे।
विषय विशेषज्ञ पवनीश कुमार ने प्रतिभागियों को बताया कि एंटरप्रिन्योरशिप वर्तमान समय में क्यों आवश्यक है। उन्होंने इसमें आने वाली चुनौतियों व उनके समाधान पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बदलती अर्थव्यवस्था के साथ-साथ एंटरप्रिन्योरशिप का बदलता स्वरूप समाज व राष्ट्र के विकास में सहायक होगा।
विषय विशेषज्ञ पवनीश कुमार ने कहा कि एंटरप्रिन्योरशिप शुरू करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती। अगर आपके पास एक अच्छा आइडिया है तो लक्ष्य निर्धारित करके सकारात्मक परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। कार्यशाला के अंत में मुख्य वक्ता ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए।