शानदार गीत, संगीत और सीख देता बाल नाटक ईना, मीना, डीका
जिंदल माडर्न स्कूल के शिक्षक संजय सेठी ने सायं अपने नृत्यम् में बाल नाटक ईना , मीना , डीका का फाइनल मंचन किया । जिंदल स्कूल की ही शिक्षिका ज्योति चुघ ने सहनिर्देशिका के साथ साथ बूढ़ी अम्मा की भावपूर्ण भूमिका भी निभाई । कार्यक्रम के मुख्यातिथि हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय थे ।
-कमलेश भारतीय
जिंदल माडर्न स्कूल के शिक्षक संजय सेठी ने सायं अपने नृत्यम् में बाल नाटक ईना , मीना , डीका का फाइनल मंचन किया । जिंदल स्कूल की ही शिक्षिका ज्योति चुघ ने सहनिर्देशिका के साथ साथ बूढ़ी अम्मा की भावपूर्ण भूमिका भी निभाई । कार्यक्रम के मुख्यातिथि हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय थे ।
दरअसल ईना , मीना , डीका अनाथाश्रम से भागी तीन लडकियाँ हैं जिनके पीछे अनाथाश्रम के मैनेजर ने दो गुंडे छोड़ रखे हैं कि इन्हें किसी भी तरह पकड़कर वापिस आश्रम लाओ । इसी भागमभाग में ये तीनों लड़कियाँ दहेज से पीड़ित युवती , खरीद फरोख्त की जा रही लड़की और फिर बूढ़ी मां को पुत्र द्वारा रेलवे स्टेशन पर छोड़कर चले गये बेटे को सबक सिखाती हैं । बाद में मैनेजर और उसके दो गुंडे उनको खोज लेते हैं पर तब तक वे इतनी समर्थ और सशक्त हो चुकी होती हैं कि वे उन तीनो को भी धराशायी कर देती हैं । इस तरह खुद सक्षम बन कर अपनी समस्याओं से जूझने , दहेज के खिलाफ उठ खड़ी होने व लड़कियों की खरीद फरोख्त की बजाय इन्हें पढ़ा लिखा कर सक्षम बनाने जैसी प्यारी प्यारी सी सीख देने में संजय सेठी सफल रहे । तीनों लड़कियों का नृत्य भी लुभावना रहा । कुल छब्बीस कलाकारों के साथ और संगीत की धुन व नृत्य से सराबोर यह लगभग एक घंटे का बाल नाटक बहुत प्रभावशाली मंचन कहा जा सकता है । मंचन के अवसर पर बच्चों के अभिभावकों के साथ साथ शबनम सेठी , रश्मि व अन्य अनेक दर्शक मौजूद रहे ।