लोक अदालत में सीजेएम अनिल कौशिक ने दिए दो बंदियों की रिहाई के निर्देश
रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षा नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन में सुनारिया स्थित जिला जेल परिसर में लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में फौजदारी मामलों की सुनवाई के दौरान दो बंदियों को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए गए।
प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनिल कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित लोक अदालत में उन्होंने विभिन्न फौजदारी मुकदमों की सुनवाई के दौरान जेल में बंद कैदियों के अधिकारों व भारतीय कैदियों के मानवाधिकारों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न फौजदारी मुकदमों की सुनवाई के दौरान जेल लोक अदालत में दो बंदियों को तुरंत रिहा करने के आदेश दिये। सीजेएम ने कहा कि यह हर देश का कर्तव्य है कि ऐसे कानून और नियम बनाए, जो अपने नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करें।
सीजेएम अनिल कौशिक ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या भारत के क्षेत्र के भीतर कानूनों की समान सुरक्षा से इनकार नहीं करेगा। हर कैदी को जेल की सलाखों के पीछे होने पर भी सामान्य मानव के रूप में कुछ हद तक अधिकार प्राप्त हैं, जो कि संविधान और जेल अधिनियम 1894 के तहत प्रदान किये गये हैं।
सीजेएम ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय भारतीय जेलों में बंद कैदियों के अधिकारों के उल्लंघन के जवाब के प्रति पूरी तरह सक्रिय और सजग है। इसी कड़ी में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार हर जेल में कैदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लीगल केयर एंड सपोर्ट सेंटर स्थापित किये गये हैं।