स्वस्थ जीवन शैली के लिए मोटा अनाज महत्वपूर्ण हैः डॉ. शरणजीत कौर

मोटे अनाज की कुकिंग प्रक्रिया की जानकारी दी राष्ट्रीय सेमिनार में।

स्वस्थ जीवन शैली के लिए मोटा अनाज महत्वपूर्ण हैः डॉ. शरणजीत कौर

रोहतक, गिरीश सैनी। मोटे अनाज-बाजरा, रागी, ज्वार, जौ समेत अन्य को खानपान का अहम हिस्सा बनाने, इसकी प्रॉडक्शन को बढ़ाने, वैश्विक स्तर पर इसे पहचान दिलाने तथा इससे होने वाले सामाजिक-आर्थिक बदलावों बारे सोमवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के स्वराज सदन में- मिलट ओ मिलट: कल्टीवेंटिंग कुलिनरी एक्सीलेंस फॉर सोशियो-इकोनॉमिक चेंज एंड इनक्लूसिविटी विषय पर आयोजित नेशनल सेमिनार में गहन-विचार मंथन किया गया।
इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस नेशनल सेमिनार का शुभारंभ रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन डॉ. शरणजीत कौर ने बतौर मुख्यातिथि किया। डॉ. शरणजीत कौर ने कहा कि हमारी खानपान संस्कृति समृद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए मोटा अनाज महत्वपूर्ण है। अच्छी सेहत और स्वस्थ जीवन के लिए मोटा अनाज को जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाए।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मोटा अनाज सोशियो-इकनॉमिक पहलू के साथ साथ हेल्थ से भी जुड़ा अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के प्रोडक्ट को पॉपुलर करने की जिम्मेदारी शेफ कम्युनिटी पर है। उन्होंने हर व्यक्ति से जीवन में एक डिश बनाना सीखने का आह्वान किया।

प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शेफ मंजीत गिल ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर इस नेशनल सेमिनार में शिरकत करते हुए कहा कि हमारे खान पान से ही हमारी पहचान है। न्यूट्रीशनल फूड को हर इंसान के लिए जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी सेहत के लिए फूड की नॉलेज रखनी होगी। खानपान को संस्कृति का अहम हिस्सा बताते हुए मौसम और वातावरण के हिसाब से मोटा अनाज का खाना बनाने और परोसने के सही तरीकों बारे उन्होंने बताया। उन्होंने मोटे अनाज की कुकिंग प्रक्रिया बारे व्यावहारिक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाककला के क्षेत्र में रोजगार के सुनहरे अवसर हैं। उन्होंने इस क्षेत्र की डिमांड के अनुरूप विद्यार्थियों से अपने कौशल को विकसित करने की बात कही।
प्रतिष्ठित शेफ एवं आईएचएम, पूसा के प्राचार्य के.के. पंत ने बतौर की-नोट स्पीकर मोटा अनाज की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मोटा अनाज शरीर की खुराक में अमृत की तरह कार्य करता है। स्वस्थ जीवन यापन में मोटे अनाज की महत्ती भूमिका है। खाद्य सुरक्षा को भविष्य की चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में मोटा अनाज क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने मोटे अनाज ने वैल्यू एडिशन करके उसकी गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही।
चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। उन्होंने एमडीयू और चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की विकास यात्रा और गतिविधियों बारे जानकारी दी। आईएचटीएम निदेशक प्रो. आशीष दहिया ने सेमिनार की थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने मोटे अनाज की महत्ता एवं इससे आने वाले सामाजिक-आर्थिक बदलावों का खाका सामने रखा। एफडीसी निदेशक प्रो. संदीप मलिक ने इंटरनेशनल शेफ डे की महत्ता बारे जानकारी दी। सीडीएस निदेशक प्रो. राधेश्याम ने आभार जताया। डॉ. ज्योति ने मंच संचालन किया। सीडीसी की उपनिदेशिका डॉ. प्रतिमा ने आयोजन सहयोग दिया।
उद्घाटन सत्र उपरांत पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें शेफ गुंजन गोयला, शेफ उमेश मट्टू, शेफ जतिंद्र उप्पल, शेफ अजय सूद, शेफ संजय ठाकुर व शेफ रीतिका गिल ने भाग लिया। तदुपरांत लाइव सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें शेफ शहाजन ने बाजरे के लड्डू तथा शेफ आनंद सिंह ने रागी कस्टर्ड बनाने की ट्रेनिंग दी। इस कार्यक्रम में एमडीयू के शिक्षकों समेत आईएचटीएम, सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज, हरियाणा केंद्रीय विवि, महेंद्रगढ़, भगत फूल सिंह महिला विवि, खानपुर कलां, कन्या महाविद्यालय खरखौदा और पठानिया स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए।