समाचार विश्लेषण/काॅलेज कांड और यह यूनिवर्सिटी कांड
-*कमलेश भारतीय
हरियाणवी वेब सीरीज काॅलेज कांड इन दिनों इसके निर्देशक राजेश अमरलाल बब्बर व हीरो यशपाल शर्मा द्वारा हरियाणा में ऑफिशियल स्क्रीनिंग के रूप में दिखाई जा रही है जिसमें तीन काॅलेज छात्रों और एक लड़की द्वारा दूसरों की रैगिंग करने के दृश्य ही प्रमुख तौर पर दिखाये गये हैं और इनके सिरे ऐसे उलझते हैं कि ये चारों पेपर तक चुराने का प्लान बनाते हैं लेकिन इनकी बदकिस्मती कि जब प्रिंसिपल के ऑफिस में आधी रात को कम्प्यूटर से पेपर लोड कर रहे होते हैं कि अपनी दवाई भूल जाने की वजह से प्रिंसिपल आ जाते हैं और सुबह सबको पता चलता है कि प्रिंसिपल की हत्या हो गयी । इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने वाले पुलिस इंस्पेक्टर जेजे का जबरस्त रोल निभाया है यशपाल शर्मा ने !
यशपाल शर्मा का कहना है कि आप यह सोचिये कि पुलिस की छवि कितनी अच्छी दिखाई है और यदि असली पुलिस भी इसी तरह केस हल करने में जुटे तो चुटकियों में मामले हो जायें और अपराधियों के हौसले भी न हो वारदात करने के !
अब संयोग देखिए कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हाॅस्टल में रहने वाली एक छात्रा ने अपने शिमला में रह रहे बाॅयफ्रेंड को साठ छात्राओं के स्वीमिंग पूल में नहाते हुए वीडियोज बना कर भेजे और उसने वीडियो वायरल कर दिये ! जैसे ही कुछ संबंधित छात्राओं ने ये वायरल वीडियोज देखे , वैसे ही चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आधी रात को हंगामा हो गया । आठ छात्राएं इतने सदमे में आ गयीं कि आत्महत्या की कोशिश की और उन्हें बचाने के लिए तुरंत अस्पताल दाखिल करवाया गया !
पहले तो पंजाब पुलिस ने अपना बचाव करते हुए कहा कि ये वोडियो तो लड़की के अपने ही हैं और फिर दबाब बढ़ने पर छात्रा और उसके बाॅयफ्रेंड को शिमला में गिरफ्तार कर लिया गया । आपको याद होगा सोनाली फौगाट के गोवा के होटल में मृत पाये जाने के बाद गोवा पुलिस ने भी ऐसी ही ढिलाई बरती थी और कार्डियक अरेस्ट बता कर मामला रफा दफा करने के मूड में थी , जो मामला अब सीबीआई तक पहुंच गया है ! ऐसे ही इस मामले में भी पुलिस को पूरी लताड़ लगाई जानी चाहिए कि बिना किसी छानबीन के इतनी जल्दी फैसला कैसे सुना दिया ? इस मामले की गंभीरता को समझने की जरूरत है । एक छात्रा भी दूसरी छात्राओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है । क्यों ? छात्र छात्रायें कितने सपने लेकर हाॅस्टल में रहकर पढ़ाई करने आते हैं और उनके अभिभावक अपनी आर्थिक पहुंच से बाहर जाकर पैसा खर्च करते हैं ताकि वे बड़े अफसर बन सकें और काॅलेज या यूनिवर्सिटीज में यही छात्र रैगिंग के शिकार हो जाते हैं ! जीरो टॉलरेंस के बोर्ड्स लगे होने के बावजूद जमकर रैगिंग होती है । यही 'काॅलेज कांड' में दिखाया गया है । हर यूनिवर्सिटी में जगह जगह जीरो टॉलरेंस की ये चेतावनियां देखने को मिलती हैं लेकिन इन पर कोई अंकुश नहीं लगाया जाता । छात्रों की ताकत के आगे बार्डन भी सिर झुकाते हैं ।
यह वीडियो वायरल कांड बहुत बड़ी चुनौती है शिक्षा के मंदिरों के लिए । यह भी एक दुखद संयोग ही कहा जायेगा कि एक छात्रा ही दूसरी छात्राओं के ऐसे वीडियोज वायरल करने का माध्यम बनी । छात्रा का कहना है कि उसका बाॅयफ्रेंड उसको ये वीडियोज देने के लिए दबाब बनाता था । यह अपने आप में एक नया कांड है जिसे राजेश अमरलाल बब्बर अगले एपीसोड्स में फिल्मा सकते हैं । दूसरी ओर पंजाब के कलाकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के होते हुए पहले सिद्धू मूसेवाला कांड हुआ और अब यह स्वीमिंग पूल कांड ! बेशक मान कह रहे हैं कि इसकी जांच में कोई कमी नहीं रहने दी जायेगी ।
कौन कहता है कि फिल्में या वेब सीरीज समाज के बाहर होती हैं ? ये तो उदाहरण मिल गया ताजा ताजा ही कि ये समाज से ही आती हैं ! कोई फिल्म निर्माता नानावटी केस पर फिल्म बना लेता है तो कोई सोनाली फौगाट की रहस्यमयी मृत्यु पर भी फिल्म बना सकता है ! कोई नीरजा की जीवनी पर बनाता है तो कोई धोनी पर तो कोई मिल्खा सिंह पर । कुछ प्रेरक होती हैं तो कुछ सबक देने वाली । समाज और फिल्म इसी तरह जुड़े रहेंगे !
बस । चंडीगढ यूनिवर्सिटी जैसे कांडों की पुनरावृति न हो !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।