कारागार अधिनियम की अनुपालना करनी होगी सुनिश्चितः सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान

सीजेएम ने विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर किया पौधारोपण।

कारागार अधिनियम की अनुपालना करनी होगी सुनिश्चितः सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के निर्देशानुसार बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन में सीजेएम एवं विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डॉ तरन्नुम खान ने सुनारियां स्थित जिला जेल परिसर के प्रांगण में एक लोक अदालत का आयोजन किया। उन्होंने विभिन्न 27 फौजदारी मुकदमों की सुनवाई के दौरान 19 बंदियों को रिहा करने के आदेश दिए।

डॉ. तरन्नुम खान ने बंदियों के अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में बताया कि परिस्थितियां या अज्ञानतावश कोई भी विचाराधीन बंदी या सजायाफ्ता कैदी है, उन सभी को कारागार अधिनियम का पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जेल मेन्युअल के विरुद्ध कार्य करना अपराध की श्रेणी में आता है। कानून में बंदियों को जो वैधानिक अधिकार दिये गये हैं, उनसे उन्हें वंचित नहीं रखा जा सकता है। इनमें शिक्षा के अधिकार भी महत्वपूर्ण है।

सीजेएम डॉ. तरन्नुम ने बताया कि शिक्षा नवीनतम सुधार प्रक्रिया का आधार है। इसमें न केवल असामाजिक तत्वों को बढ़ने से रोका जा सकता है बल्कि समाज के उत्थान के लिए शिक्षा का अलग महत्व है। उन्होंने कहा कि बंदियों की मानसिकता में बदलाव लाने और उन्हें सुधारने के लिए बंदीगृह में ही पढ़ने की सुविधा प्रदान करना महत्वपूर्ण है। अपनी सजा पूरी कर चुके कैदियों को अक्सर पुनर्वास में काफी व्यवहारिक कठिनाई होती हैं। उन्हें उपयुक्त काम नहीं मिल पाता है, इसलिये बंदियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान किया जाना अनिवार्य हो जाता है, जिससे वह स्वयं का रोजगार भी स्थापित कर सकते है। इस दौरान राजबीर कश्यप एडवोकेट, संदीप कुमार एडवोकेट, सहायक संदीप सिंह दलाल, विपिन कुमार, राजकुमारी, जेल के वरिष्ठ अधिकारी व बंदी मौजूद रहे।

सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के मौके पर भिवानी रोड स्थित जनसेवा संस्थान रोहतक द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम के प्रांगण में पौधारोपण भी किया। उन्होंने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज तेजी से बढ़ते शहरीकरण और आधुनिक परिवेश की अनिवार्यता से संयुक्त परिवार की परंपरा टूट रही है जिसके परिणामस्वरूप एकल परिवारों की वृद्धि हो रही है।