समाचार विश्लेषण/कांग्रेस में फिर घमासान?
-*कमलेश भारतीय
क्या कांग्रेस में फिर कोई नया घमासान है ? यदि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता हरीश रावत के ट्वीट पर जायें तो यही लगता है कि एक नया घमासान कांग्रेस में मचने जा रहा है । हरीश रावत अगले वर्ष उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान से कोई सहयोग न मिलने से खफा हैं और उनका कहना है कि उन्हें इस चुनाव समुद्र में तो उतारा जा रहा है लेकिन विरोधी हाथ पांव बांधने में लगे हैं । ऐसे में समुद्र पार कैसे कर पाऊंगा? वे काशीनाथ और नये वर्ष पर उम्मीदें लगाये हुए हैं । इन हालातों को देखते हुए हरीश रावत कहते हैं कि बहुत हो गया । अब सब कुछ छोड़ने का मन कर रहा है । जब पार्टी से ही कोई सहयोग नहीं तो जोश कैसे आए चुनाव लड़ने का ? अभी तक इस पर कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी या कहिए प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है ।
हरीश रावत पंजाब मामलों के प्रभारी रहे और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भी । वे भी तब जब कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करने के लिए भाजपा ने पूरा ज़ोर लगा दिया था और वे नैनीताल हाईकोर्ट से जीत कर पुनः मुख्यमंत्री बने थे यानी एक संघर्षशील व्यक्तित्व । इसके बावजूद हाईकमान की ओर से उपेक्षा ? क्या जी 23 समूह सचमुच वरिष्ठ कांग्रेसजनों का उचित मंच और फैसला है ? क्या वरिष्ठ कांग्रेसजनों के लिए कांग्रेस में उपेक्षा ही बची है ? ऐसे सवाल सहज ही मन में आते हैं । पहले पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह की कुर्सी जिस तरह से छीनी गयी वह भी हाईकमान के आदेश पर और तब हरीश रावत संदेश पढ़ने में असफल रहे कि आने वाले दिनों में उनके साथ भी ऐसा ही कुछ होने वाला है । वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की उपेक्षा पार्टी को महंगी पड़ सकती है यह आने वाले दिन व विधानसभा चुनाव बता देंगे । राजस्थान में भी वरिष्ठ अशोक गहलोत और युवा सचिन पायलट के बीच कशमकश चल रही है तो पंजाब में भी चली अमरेंद्र सिह और नवजोत सिद्धू के बीच । अब उत्तराखंड में हरीश रावत और नये प्रभारी देवेंद्र यादव के बीच कश्मकश हो रही है । दिल्ली ऐसे ही गंवा ली प्रयोग करते करते । कभी बबली तो कभी माकन पर परिणाम बड़ा सा शून्य । हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा के बीच भी रस्साकशी जारी रहती है । कैसे चलेगा ? कब तक चलेगा ? कांग्रेस हाईकमान को मंथन करना पड़ेगा ,,,,
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।